November 22, 2024

उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कोविड रोगियों का होगा निःशुल्क चिकित्सा उपचार

देहरादून।

कोरोनामहामारी की वर्तमान स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय स्थित अस्पताल में कोविड अस्पताल का भी संचालन प्रारम्भ कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के इस अस्पताल में 40 ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की गई है जिसमें कोविड रोगियों का निःशुल्क चिकित्सा उपचार किया जायेगा। इस अस्पताल का उद्घाटन मा० आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के कर कमलों द्वारा किया गया। मा० कुलपति प्रो० सुनील जोशी की अध्यक्षता एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेमचंद्र की गरिमामय उपस्थिति में विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के आरम्भ में डॉ दीपक कुमार सेमवाल द्वारा आयुर्वेद विश्वविद्यालय की ओर से कोरोना महामारी के बचाव एवं उपचार हेतु किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया।

 

निदेशक आयुर्वेद एवं यूनानी सेवाएं डॉ० एम० पी० सिंह ने आयुर्वेद विभाग द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में आयुर्वेद कोविड अस्पताल खोले जाने, आयुर्वेद चिकित्सकों की कोविड ड्यूटी एवं आयुर्वेद में कोरोना के इलाज़ के सन्दर्भ में मंत्री जी को वस्तुस्थिति से अवगत कराया। कुलपति प्रो. सुनील जोशी ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना के बचाव एवं इससे सम्बंधित शोध कार्यों से मंत्री जी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा शोध से प्रमाणित इम्युनिटी को बढ़ाने वाला ओजस क्वाथ एवं प्राकृतिक फ्यूमिगेशन हेतु निर्मित धूपम केक को बड़ी आवादी तक निःशुल्क वितरित किया। उनके द्वारा फ्यूमिगेशन के लिए बिजली द्वारा चलने वाला एक उपकरण भी तैयार किया जिससे फ्यूमिगेशन की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० हेमचंद्र जो की वर्तमान में उत्तराखंड राज्य के कोविड मैनेजमेंट हेतु संयोजक भी है द्वारा कोरोना इलाज़ हेतु एलोपैथ एवं आयुर्वेद दोनों विधाओं की भूमिका पर अपने बिचार व्यक्त किये। उन्होंने बताया की आयुर्वेद जीवन शैली कोरोना से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है प्रो हेमचंद्र ने हल्दी एवं अन्य मसालों के प्रयोग से होने वाले लाभ पर भी प्रकाश डाला। कोविड अस्पताल के संचालन हेतु समर्पण सोसाइटी फॉर हेल्थ रिसर्च एन्ड डेवलपमेंट की अध्यक्षा डॉ गीता खन्ना ने बताया कि इस अस्पताल में एलोपैथ एवं आयुर्वेद दोनों विधाओं से कोरोना का इलाज़ किया जायेगा एवं भविष्य में भी संभावित तीसरी लहर के संक्रमण हेतु उक्त अस्पताल का उपयोग किया जायेगा।

 

मा. मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने विश्वविद्यालय को एलोपैथ के साथ मिल कर नए शोध करने को कहा जिससे दोनों विधाओं से अधिक से अधिक लोगों का इलाज किया जा सके क्योंकि दोनों विधाओं का अपना अलग अलग महत्व है और दोनों का उदेश्य एक ही है। उन्होंने आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की और कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए बच्चों में आयुर्वेद के माध्यम से प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करने के लिए शीघ्र ही उचित कदम उठाने को कहा। उन्होंने बताया कि इस नए कोविड अस्पताल से पर्वतीय क्षेत्रों से आये हुए कई गरीब रोगियों को भी इलाज़ मुफ्त में मिल सकेगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो० उत्तम कुमार शर्मा ने कोरोना के बचाव हेतु आयुर्वेद की भूमिका का वर्णन किया एवं सभी आये हुए अथितियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नवीन जोशी द्वारा किया गया। इस मौके पर डॉ. पी के गुप्ता, डॉ शैलेन्द्र प्रधान, श्री चंद्रमोहन पैन्यूली, डॉ नन्द किशोर दधीच, डॉ आशुतोष चौहान, डॉ अमित तमादड्डी, डॉ राजेश अधाना, आदि उपस्थित रहे।