हरिद्वार। श्री हर्ष गुप्ता संयुक्त सचिव राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण भारत सरकार के नेतृत्व में बुधवार को जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल के साथ अन्तर मंत्रालयीय केन्द्रीय टीम ने लक्सर, रूड़की आदि क्षेत्रों में अतिवृष्टि की वजह से हुये नुकसान का व्यापक जायजा लिया।
अन्तर मंत्रालयीय केन्द्रीय टीम प्रातः ही सबसे पहले सराय मार्ग होते हुये जल भराव से हुये नुकसान का जायजा लेने डॉडी चिट्ठी कोठी स्थित श्री लखबीर सिंह के पॉलीहाउस पहुंची। उन्होंने पूरे पॉलीहाउस का जायजा लिया तथा लखबीर सिंह से पूछा कि आपने कितने वर्ग मीटर का पॉलीहाउस बनाया है। इस पर लखबीर सिंह ने बताया कि यह पॉलीहाउस एक हजार वर्ग मीटर में बनाया गया है, जिसमें झरबेरा की फसल लगायी गयी थी, जो पथरी रो नदी से पानी आने के कारण अत्यधिक जल भराव होने से पूरी की पूरी फसल खराब हो गयी है, जबकि पॉलाहाउस का स्ट्रक्चर ठीक है। इस पर संयुक्त सचिव श्री हर्ष गुप्ता ने पूछा कि इस फसल का कोई बीमा कराया गया है, जिस पर श्री लखबीर सिंह ने कहा कि कोई बीमा नहीं कराया गया है। अधिकारियों ने केन्द्रीय टीम को यह भी जानकारी दी कि इस क्षेत्र में इसी तरह चार पॉलीहाउसों को नुकसान पहुंचा है तथा तीन सुरक्षित हैं। इस पर संयुक्त सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिला योजना सहित किसी न किसी योजना के अन्तर्गत इनका जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करना सुनिश्चित करें।
केन्द्रीय टीम यहां से दिनारपुर होते हुये ऐथल क्षेत्र में पहुंची, जहां उन्होंने जल भराव से हुये नुकसान को बारीकी से देखा तथा किसानों से फसलों के नुकसान के सम्बन्ध में जानकारी ली तो किसानों ने बताया कि जल भराव से तो धान व गन्ना को नुकसान तो हुआ ही है, लेकिन बहादराबाद की फैक्ट्रियों से जो कैमिकलयुक्त पानी आया, उससे भी खेतों की फसल को नुकसान पहुंचा है। संयुक्त सचिव श्री हर्ष गुप्ता ने किसानों से पूछा कि धान की फसल का बीमा कराया गया था। इस पर किसानों ने बताया कि जिन लोगों ने लोन लिया था, केवल उन्हीं लोगों ने धान का बीमा कराया है, जबकि गन्ने की फसल का बीमा कराने का कोई प्राविधान नहीं है। किसानों ने केन्द्रीय टीम को बताया कि यहां नजदीक में ही सेम नाला बहता है, जिसमें काफी सिल्ट जमी है, अगर उसकी सिल्ट निकल जाती है, तो काफी हद तक इस जल भराव का समाधान हो सकता है। इस पर केन्द्रीय टीम ने कहा कि इसका कोई न कोई समाधान जरूर निकाला जायेगा।
यहां से आगे बढ़ते हुये केन्द्रीय टीम व अधिकारीगण बसेड़ी खादर में हुये जल भराव तथा रोड के दोनों तरफ हुये कटाव का जायजा लेते हुये लक्सर ब्लाक के हुसैनपर इलाके में पहुंचे जहां जल भराव की वजह से फसलों को हुये नुकसान को खेतों में जाकर देखा तथा टीम में आये हुये विशेषज्ञों से इस सम्बन्ध में विस्तार चर्चा की। केन्द्रीय टीम ने इस क्षेत्र में जल भराव का कारण जाना तो क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि सोलानी नदी का बन्धा मखियाली खुर्द में टूट जाने की वजह से यह क्षेत्र जल मग्न हुआ तथा यहां का जल स्तर सड़क के लेबल तक हो गया था, जबकि सड़क खेतों से काफी ऊंची है, जिससे फसलों को लगभग 35 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। स्थानीय लोगों ने टीम के सदस्यों को जानकारी दी कि सोलानी नदी का अगर ट्रीटमेंट हो जाये तथा बन्धे की ऊंचाई बढ़ा दी जाय तो पूरा लक्सर क्षेत्र जल भराव से बच सकता है।
केन्द्रीय टीम यहां से आगे बढ़ते हुये उसी स्थान मखियाली खुर्द पर पहुंची, जहां से कई जगह जल भराव हुआ था। स्थानीय लोगों ने केन्द्रीय टीम को ऐसे प्रमुख-प्रमुख स्थान दिखाये, जिनमें विगत 11 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण हुये जल भराव की वजह से नुकसान हुआ है। उन्होंने मखियाली खुर्द का पंचायत घर भी दिखाया, जिसकी तेज बहाव की वजह से दीवारों को काफी नुकसान पहुंचा। इस पर संयुक्त सचिव श्री हर्ष गुप्ता ने अधिकारियों से जानकारी ली कि लक्सर में और ऐसे कितने पंचायत घरों को नुकसान पहुंचा है, इस पर अधिकारियों ने बताया कि छह अन्य पंचायतों घरों को इस तरह का नुकसान पहुंचा है।
यहां से होते हुये टीम लादपुर स्थित सोलानी नदी पर बने पुल की एप्रोच रोड को जो नुकसान हुआ है, को देखने पहुंची, तो देखा कि इस पुल की एक तरफ की एप्रोच रोड को काफी नुकसान पहुंचा है। इस पर केन्द्रीय टीम ने अधिकारियों से पूछा कि इसका ट्रीटमेंट किस तरह करेंगे। इस पर अधिकारियों ने बताया कि इस सम्बन्ध में आईआईटी रूड़की के विशेषज्ञों की सलाह ली जा रही है। इसके बाद टीम ने मोहम्मदपुर बुजुर्ग में जल भराव से जो कटाव हुआ था, उसको भी देखा तथा यहां से होते हुये लक्सर के गगनोली स्थित 132/33 के0वी0 विद्युत संयंत्र, जिसमें भी अतिवृष्टि से जल भराव हो गया था, जिसकी वजह से बिजली की आपूर्ति को रोकना पड़ा था, का पूरा जायजा लिया तथा अधिकारियों से इस सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली।
विद्युत संयंत्र का जायजा लेने के बाद केन्द्रीय टीम रूड़की के सोलानी नदी पर बने जोरासी एतमाल पुल पहुंचे तथा सोलानी नदी की वजह से इस पुल के एप्रोच रोड को जो नुकसान हुआ है, का जायजा लिया। केन्द्रीय टीम को स्थानीय लोगों व अधिकारियों ने बताया कि सोलानी नदी हर वर्ष अपने बहने के स्थान को बदलती जा रही है, जिसकी वजह से जहां पर पुल बना है, उससे नदी काफी हटकर बहने लगी है, जिसकी वजह से इसकी एप्रोच रोड को नुकसान पहुंचा है। इस पर संयुक्त सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि तकनीकी विशेषज्ञों की इस सम्बन्ध में सलाह लेकर इसका कोई न कोई समाधान जरूर निकाला जाये ताकि नदी के बहने का जो पूर्व में मार्ग निर्धारित था, उसी मार्ग पर नदी बहेगी तो इस तरह के नुकसान से बचा जा सकता है। केन्द्रीय टीम ने नुकसान का जायजा लेते हुये सम्बन्धित अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिये।
भ्रमण के दौरान लक्सर विधायक श्री मोहम्मद सहजाद, उप सचिव श्री अनिल गैरोला, डायरेक्टर डॉ0 वीरेन्द्र सिंह, सुपरइंटेंडिंग इंजीनियर श्री सुधीर कुमार, डायरेक्टर(आरसी) श्री के0एम0 सिंह, सीई श्री डी0के0 शर्मा, साइंटिस्ट एवं इंजीनियर एसई श्री प्रियोम राय, उप निदेशक श्रीमती भव्य पाण्डे, निदेशक श्री मनोज कुमार कैस्था, मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रतीक जैन, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की श्री अभिनव शाह, एसडीएम लक्सर श्री गोपाल राम बिनवाल, एसडीएम श्री पूरण सिंह राणा, अधीक्षण अभियन्ता लोक निर्माण श्री एस0के0 गर्ग, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई सुश्री मंजू, मुख्य कृषि अधिकारी श्री विजय देवराड़ी, मुख्य उद्यान अधिकारी श्री ओम प्रकाश, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी श्री सोमांस गुप्ता, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण रूड़की सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।
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