हरिद्वार। ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम कमेटी के पूर्व सभापति एवं तीर्थ पुरोहितों की प्रमुख संस्था श्री गंगा सभा के पूर्व महामंत्री रामकुमार मिश्रा ने माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार को ज्ञापन भेज कर भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी द्वारा स्थापित श्री ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम की व्यवस्था पूर्व संचालित कमेटी श्री ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम कमेटी को पुनः सौंपने एवं अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना श्री ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम परिसर में न कर अन्यत्र किए जाने के संबंध में गुहार लगाते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाने की मांग की है। प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन में पं. रामकुमार मिश्रा ने अवगत कराते हुए बताया कि भारत की ऐतिहासिक धरोहर 107 वर्ष पुरानी संस्था ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम जिसे भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी द्वारा सनातन शिक्षा एवं संस्कृति के प्रचार प्रसार करने के उद्देश्य से स्थानीय तीर्थ पुरोहित समाज एवं श्री गंगा सभा के सहयोग से हरिद्वार में ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम विद्यापीठ की स्थापना की गई थी , जिसका कुशल संचालन लगभग 27 वर्ष पूर्व तक श्री ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम कमेटी (रजि.) द्वारा किया जाता रहा है। दुर्भाग्यवश गलत व मिथ्या तथ्यों की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसके संचालन का अधिकार कमेटी से छीन लिया गया था। उल्लेखनीय है कि कमेटी से अधिकार छीनने के पश्चात कमेटी की सैकड़ो बीघा बहुमूल्य भूमि पर जगह-जगह अवैध कब्जे कर दिए गए और संस्था गठन के उद्देश्यों के विपरीत आज एक व्यापारिक स्थल यहां पर स्थापित हो चुका है, जो कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी के उद्देश्यों एवं सेवा भावना पर कुठाराघात है। महोदय मैं रामकुमार मिश्रा तत्कालीन सभापति ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम कमेटी (रजि.) हरिद्वार देवभूमि उत्तराखंड राज्य में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए आपको धन्यवाद ज्ञापित करता हूं। इस सार्थक प्रयास से राज्य की औषध संपदा का समुचित एवं सर्वोत्तम प्रयोग हो सकेगा। माननीय प्रधानमंत्री जी आपको अवगत कराना है कि जिस स्थान का चयन अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान हेतु किया गया है। वहां पर राज्य के नहीं अपितु संपूर्ण भारतवर्ष के सबसे पुरातन कॉलेज की सूची में सम्मिलित ऋषिकुल आयुर्वैदिक कॉलेज एवं चिकित्सालय को ध्वस्त करना उचित नहीं है। क्योंकि इस 107 वर्ष पुरानी संस्था का मुख्य अकादमिक/शिक्षण भवन आज भी अपने भव्यतम स्वरूप में है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी मेरा सुझाव है कि उक्त भवन एवं संस्था की समस्त संपत्ति को अवैध कब्जाधारियो से खाली कराकर इसके वर्तमान स्वरूप को विकृत एवं ध्वस्त किए बिना भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी द्वारा गठित संस्था श्री ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम कमेटी रजि० को सौंपा जाना आवश्यक एवं प्रार्थनीय है। आपके इस पुनीत कार्य से प्रातः स्मरणीय मालवीय जी की आत्मा को भी शांति मिलेगी तथा भविष्य में अन्य लोगों को भी धार्मिक स्थल के निर्माण व संचालन हेतु प्रेरणा मिलेगी। प्रधानमंत्री जी मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि जनहित में संस्था का संचालन पूर्व की भांति भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी द्वारा गठित संस्था श्री ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम कमेटी रजिस्टर्ड को सौंपने हेतु आवश्यक आदेश पारित करने की कृपा करेंगे। महोदय हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि कमेटी पूर्व की भांति तन मन धन से जनहित में अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुए संस्था को एक नई पहचान दिलाने में कामयाब होगी। इस मौके पर ज्ञापन की प्रतिलिपि पं. रामकुमार मिश्रा ने श्री जाधव प्रताप राव गणपत राव राज्य मंत्री आयुष मंत्रालय दिल्ली, माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ, माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार देहरादून को भी प्रेषित की है।
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