November 22, 2024

रक्षाबंधन, जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, भद्रा काल का समय और मंत्र

रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करते हुए उसकी कलाई पर राखी बांधती है

रक्षाबंधन पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है-

आज 19 अगस्त को पूरे देश में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक होता है। इस दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, जिसे रक्षा सूत्र कहते हैं और भाई बहन को कोई उपहार देते हैं। वहीं इस बार जहां रक्षाबंधन पर भद्रा और पंचक का साया है तो वहीं वहीं इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन सावन का अंतिम सोमवार, पूर्णिमा, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग रहेगा। जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त और भद्राकाल का समय…

Muhurat Time इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा और पंचक का साया, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और सब कुछ
कब है रक्षाबंधन 2024 तिथि (Raksha Bandhan 2024 Tithi)
वैदिक पंचांग के मुताबिक श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 3 बजकर 3 मिनट से शुरू हो रही है, जिसका अंत रात 11 बजकर 54 मिनट पर हो है। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को ही मनाया जाना शुभ है।

रक्षाबंधन 2024 भद्रा काल का समय
रक्षाबंधन भद्रा अंत समय : दोपहर 01 बजकर 31 मिनट
रक्षाबंधन भद्रा पूंछ : सुबह 09:51 – सुबह 10:53
रक्षाबंधन भद्रा मुख : सुबह 10:53 – दोपहर 12:37
ज्योतिष पंचांग के मुताबिक इस साल 19 अगस्त 2024, सोमवार को दोपहर 1 बजकर 31 मिनट तक भद्रा रहेगी जिसका निवास पाताल में है। धर्मशास्त्र अनुसार 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 31 मिनट के बाद रक्षाबंधन का शुभ कार्य करना शुभ फलदायी रहेगा। मतलब भद्राकाल के बाद ही बहनें, भाई के हाथ पर राखी बांधे। विशेष स्थिति में रक्षाबंधन मनाने वाले भद्रा पुच्छ काल में भाई को राखी बांध सकते हैं। क्योंकि पुच्छ काल में भद्रा का अशुभ प्रभाव कम रहता है।

बन रहे हैं ये महासंयोग
पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन पर कई महासंयोग बन रहे हैं, जिसमें रवि और सर्वार्थ सिद्ध योग का भी नाम शामिल है। वहीं इस दिन ग्रहोंं के राजा सूर्य देव भी अपनी स्वराशि में संचरण कर रहे हैं। साथ ही शनि देव भी शश राजयोग बनाकर स्थित हैं। इसके साथ ही बुध और शुक्र भी इस राशि में होंगे, जिससे बुधादित्य और शुक्रादित्य राजयोग का बन रहा है। वहीं इस दिन श्रवण नक्षत्र भी है।