प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर निकायों के कार्यकाल को बढ़ा दिया है। सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण विधेयक प्रवर समिति को भेजे जाने के कारण ऐसा करना पड़ा। नगर निकायों में विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे दावेदारों को इसके चलते अभी कुछ समय और इंतजार करना होगा।
उत्तराखण्ड में नगर निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ा दिया गया है। उत्तराखंड के नगर निकायों के बोर्ड का कार्यकाल 1 दिसंम्बर 2023 को समाप्त होने पर जिलाधिकारियों को प्रशासक नियुक्त कर दिया गया था, लेकिन इस अवधि में भी नए बोर्ड का गठन नहीं होने के कारण 2.जून को नगर निकायों के प्रशासकों का कार्यकाल तीन माह अथवा नए बोर्ड के गठन, जो भी पहले हो तक के लिए विस्तारित कर दिया गया था।
अब फिर से नगर निकायों के प्रशासकों का कार्यकाल नये बोर्ड के गठन तक के लिए विस्तारित कर दिया गया है। सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण विधेयक प्रवर समिति को भेजे जाने के बाद नगर निकाय चुनाव पीछे खिसकने की अटकलंे पहले से ही लगाई जा रही थी।
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