हरिद्वार। जिलाधिकारी एवं जिला मजिस्ट्रेट कर्मेन्द्र सिंह ने तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पेशकार अनुपस्थित मिला। जिला मजिस्ट्रेट एवं जिलाधिकारी ने पेशकार का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि कार्यों में लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों के खिलाफ सख़्ती से कार्यवाही अमल में लाई जाए।
उन्होंने तहसील न्यायलय निरक्षण के दौरान निर्देश दिए कि मिसलबन्द रजिस्टर में सभी वाद दर्ज होने चाहिए। अधिक समय से लंबित वादो की सुनवाई जल्दी–जल्दी दी जाए। यदि कोई पक्ष सुनवाई में अनुपस्थित चल रहा हो तो सम्बंधित को लिखित में अंतिम अवसर प्रदान करते हुए वादो का निस्तारण किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि न्यायिल पत्रावलियों में किसी भी प्रकार की काट–छांट न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि न्यायलय के बाहर केस लिस्ट अवश्य चस्पा हो। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जाँच हेतु कोई भी पत्रावली न्यायलय से बाहर न जाए, जाँच अधिकारी से केवल पत्राचार किया जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि वादो का निस्तारण गुणवत्तायुक्त हो। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि फाइल्स एवं पत्रावलियों को व्यवस्थित रखा जाए ताकि कभी भी फाइल्स खोजने में परेशानी न हो।
उन्होंने निर्देश दिए कि मिसल बन्द में आदेश अनुपालन का कॉलम भी बनाया जाए तथा निर्णय की अनुपालन आख्या अवश्य प्राप्त करते हुए अंकित की जाए। जिलाधिकारी ने अभिलेखागार निरीक्षण के दौरान जिर्देश दिए कि बस्तों पर परगने के अनुसार कलर कॉडिंग की जाए।
निरीक्षण के दौरान तहसीलदार प्रियंका रानी, रजिस्ट्रार कानूनगो रमेश प्रसाद, राजेश मारवा, नायब नाज़िर रविन्द्र सक्सेना, मुख्य वेयक्तिक अधिकारी सुदेश कुमार आदि उपस्थित थे।
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