हरिद्वार।मुख्य विकास अधिकारी अकांक्षा कोण्डे की अध्यक्षता में हरिद्वार जनपद के विभिन्न विकास खण्डों में संचालित डे-एनआरएलएम (दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में पीडी डीआरडीए, एपीडी/डीएमएम -छत्स्ड, डीपीएम रीप, डीटीई, सहायक प्रबंधक – रीप, ब्लॉक मिशन प्रबंधक और अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य योजनाओं के क्रियान्वयन, उनकी प्रगति और आने वाली बाधाओं का आकलन करना था।
समीक्षा बैठक के प्रमुख बिंदु सीसीएल प्रगति की समीक्षा
योजनाओं की प्रगति पर चर्चा करते हुए पाया गया कि अधिकांश बिंदुओं पर कार्य संतोषजनक है। सीसीएल (कैश क्रेडिट लिमिट) की प्रगति कई विकासखण्डों में धीमी रही। विकासखण्ड रुड़की में सीसीएल स्वीकृति सबसे कम होने के कारण इस पर विशेष चर्चा की गई। दूसरी ओर, विकासखण्ड भगवानपुर में सीसीएल स्वीकृति की बेहतर प्रगति के लिए मुख्य विकास अधिकारी ने संतोष व्यक्त किया।
. सीसीएल प्रक्रिया में बैंकों की समस्याएं-ंसभी ब्लॉक मिशन प्रबंधकों ने बताया कि बैंकों से संबंधित समस्याएं सीसीएल की धीमी प्रगति का प्रमुख कारण हैं। विशेष रूप से, पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) में फील्ड अधिकारियों के पास कई शाखाओं का कार्यभार होने के कारण आवेदनों की प्रक्रिया में अत्यधिक विलंब हो रहा है। बैंक सखी की तैनाती के बावजूद बैंक अधिकारियों का सहयोग अपेक्षित नहीं है। कई शाखा प्रबंधक, विकासखण्ड स्तर पर कार्य पूर्ण होने के बाद भी सीसीएल स्वीकृति में देरी कर रहे हैं।
मुख्य विकास अधिकारी नेे निर्देश दिए कि समस्याग्रस्त बैंकों की रिपोर्ट प्रस्तुत कर, उन बैंकों की सूची तैयार कर स्पष्ट रिपोर्ट उनके समक्ष प्रस्तुत की जाए, जहां सीसीएल स्वीकृति में गंभीर समस्याएं हो रही हैं।
परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को यह जिम्मेदारी दी गई कि वे बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर समस्या का समाधान करें।
जिन शाखा प्रबंधकों का सहयोग संतोषजनक नहीं है, उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाए।
सीसीएल प्रक्रिया को तेज करने के उपाय सीसीएल की धीमी प्रगति को सुधारने के लिए सभी खण्ड विकास अधिकारियों, सहायक खण्ड विकास अधिकारियों और ब्लॉक स्तरीय रीप स्टाफ को बैंक शाखा वार ड्यूटी आवंटित करने का निर्देश दिया गया। यह ड्यूटी सीसीएल वितरण और लंबित आवेदनों के शीघ्र निस्तारण के लिए होगी।
एनपीए निस्तारण की समय-सीमा एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) की समस्या पर भी विस्तृत चर्चा की गई। मुख्य विकास अधिकारी महोदया ने सभी विकासखण्डों को निर्देशित किया कि वे 30 जनवरी 2025 तक एनपीए की समस्या का समाधान सुनिश्चित करें। प्रत्येक ब्लॉक को यह जिम्मेदारी सौंपी गई कि वे संबंधित लाभार्थियों और बैंकों के साथ समन्वय कर एनपीए की स्थिति में सुधार लाएं।
नियमित बैंक बैठकें मुख्य विकास अधिकारी ने सभी ब्लॉक मिशन प्रबंधकों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से बैंकों के साथ बैठक करें। इसका उद्देश्य सीसीएल और अन्य योजनाओं की प्रगति सुनिश्चित करना और प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को दूर करना है।
सीसीएल में सुधार की रणनीति बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बैंक शाखा प्रबंधकों को समुचित प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे योजनाओं को ठीक से समझ सकें और प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा कर सकें। इसके अलावा, सीसीएल प्रक्रिया की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी, और बैंक सखी को और अधिक सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
एनपीए समाधान की कार्ययोजना एनपीए मामलों को कम करने के लिए ब्लॉक स्तरीय टीमें गठित की जाएंगी। ये टीमें बैंकों और लाभार्थियों के साथ मिलकर उन कारणों का पता लगाएंगी जिनकी वजह से एनपीए बढ़ रहा है। इसके बाद समाधान के लिए एक कार्ययोजना बनाई जाएगी।
समीक्षा बैठक का निष्कर्ष यह निकला कि अधिकांश योजनाओं की प्रगति संतोषजनक है। हालांकि, सीसीएल और एनपीए जैसे बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी ब्लॉक मिशन प्रबंधकों को निर्देश दिया कि वे योजनाओं को समयबद्ध और प्रभावी तरीके से लागू करें।
बैठक में जिला स्तर से उपस्थित अधिकारियों और विकासखण्ड स्तरीय कर्मचारियों ने मुख्य विकास अधिकारी को आश्वासन दिया कि वे दिए गए निर्देशों का पालन करेंगे और योजनाओं की प्रगति में सुधार सुनिश्चित करेंगे।
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