January 8, 2025

हरिद्वार में ग्रामोत्थान परियोजना के जिला परियोजना कार्यालय में बैठक हुई

हरिद्वार जिले के विकास भवन, रोशनाबाद स्थित ग्रामोत्थान परियोजना के जिला परियोजना कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशन में संपन्न इस बैठक का उद्देश्य खानपुर विकासखंड के छह लाभार्थियों के उद्यमों (एंटरप्राइजेज) के दस्तावेजों का सत्यापन करना था। इस प्रक्रिया में जिला परियोजना प्रबंधक और सहायक प्रबंधक (सेल्स एंड मार्केटिंग) ने सक्रिय भागीदारी निभाते हुए दस्तावेजों का गहन निरीक्षण एवं सत्यापन किया।

कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्त्व:-

ग्रामोत्थान परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करना है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों द्वारा प्रारंभ किए गए उद्यमों की वैधता सुनिश्चित करना, उनकी प्रगति का आकलन करना, और भविष्य में उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करना था। दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि सभी लाभार्थी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं और उनके व्यवसाय में पारदर्शिता बनी रहती है।

एंटरप्राइजेज का वर्गीकरण:-

सत्यापन के दौरान छह उद्यमों का निरीक्षण किया गया, जिसमें से एक फार्म बेस्ड और पाँच नॉन-फार्म बेस्ड एंटरप्राइजेज शामिल थे।

1. फार्म बेस्ड एंटरप्राइज: यह पोल्ट्री से संबंधित था, जिसमें अंडों और मांस उत्पादन के कार्य पर ध्यान केंद्रित किया गया।

2. नॉन-फार्म बेस्ड एंटरप्राइजेज: इनमें मोबाइल रिपेयरिंग, आटा चक्की, प्रोविजन स्टोर, फास्ट फूड और कॉस्मेटिक शॉप शामिल थीं। इन उद्यमों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना और आर्थिक गतिविधियों को गति देना है।

सत्यापन प्रक्रिया का विवरण:-

दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया के दौरान जिला परियोजना प्रबंधक और सहायक प्रबंधक ने लाभार्थियों से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच की। इसमें पहचान प्रमाण पत्र, पंजीकरण दस्तावेज, बैंक खाते का विवरण, और उद्यम से जुड़े अन्य रिकॉर्ड शामिल थे। इसके अतिरिक्त, लाभार्थियों से उनके व्यवसाय की कार्यप्रणाली, बाजार की चुनौतियों, और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

जिन लाभार्थियों के दस्तावेज अधूरे पाए गए, उन्हें शीघ्रता से दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। यह सुनिश्चित किया गया कि सत्यापन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।

सहायक प्रबंधक की भूमिका:-

सहायक प्रबंधक (सेल्स एंड मार्केटिंग) ने लाभार्थियों को बाजार की आवश्यकताओं, उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने, और आधुनिक विपणन तकनीकों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने लाभार्थियों को उनके उत्पादों और सेवाओं को बेहतर तरीके से बाजार में प्रस्तुत करने के सुझाव दिए।

लाभार्थियों से संवाद:-

इस अवसर पर जिला परियोजना प्रबंधक ने लाभार्थियों से संवाद कर उनके व्यवसाय की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सरकार और ग्रामोत्थान परियोजना के उद्देश्यों को साझा करते हुए यह बताया कि यह परियोजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि तकनीकी सहयोग, विपणन समर्थन, और अन्य संसाधनों के माध्यम से उद्यमों को मजबूत बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है।

भविष्य की योजनाएं:-

सत्यापन प्रक्रिया के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि लाभार्थियों को उनकी जरूरतों के अनुसार हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। जिन उद्यमों को बाजार से संबंधित कठिनाइयाँ हैं, उनके लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, तकनीकी विशेषज्ञता, विपणन सहयोग, और वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।

यह दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया ग्रामोत्थान परियोजना की पारदर्शिता और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह सुनिश्चित करता है कि लाभार्थियों को आवश्यक समर्थन और संसाधन प्रदान किए जाएँ ताकि उनके व्यवसाय सफलतापूर्वक संचालित हो सकें। इस प्रकार के आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि, रोजगार सृजन, और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।