प्रोजेक्ट उत्कर्ष के अंतर्गत सरकारी स्कूलों को साक्षात मिलने लगा नया फर्नीचर
प्रोजेक्ट उत्कर्ष के तहत सरकारी स्कूलों को संवारने में जुटे डीएम, सीडीओ
ओएनजीसी, हुडको से हो चुका है फंड फ्लो पूर्ण रूपेन शुरू
प्रत्येक कक्षा कक्ष के लिए एलईडी स्क्रीन एवं वाईफाई स्थापित करने का कार्य भी अंतिम चरण में
देहरादून।जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में संचालित प्रोजेक्ट उत्कर्ष के तहत देहरादून जिले के दूरस्थ सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। ओएनजीसी, तेल भवन, देहरादून के सहयोग से इन स्कूलों में नया फर्नीचर उपलब्ध कराया गया है, जिससे विद्यार्थियों को अब बेहतर एवं सुविधाजनक शैक्षिक माहौल मिलेगा।
अब तक राजकीय इंटर कॉलेज कुन्ना डागुरा (कालसी), पीएम श्री अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज (कालसी), अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज (चकराता) एवं राजकीय इंटर कॉलेज सावड़ा (चकराता), देहरादून में कुल 335 टेबल एवं कुर्सियां वितरित की जा चुकी हैं। इस पहल से सैकड़ों विद्यार्थियों को आरामदायक और अनुकूल शैक्षिक वातावरण प्राप्त होगा, जिससे उनकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
इस महत्वपूर्ण पहल को ओएनजीसी, तेल भवन, देहरादून एवं मुमकिन है डेवलपमेंट फाउंडेशन, देहरादून के संयुक्त प्रयासों से साकार किया जा रहा है। इन संस्थानों का सहयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, जिससे वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।
जिलाधिकारी के इस महत्वाकांक्षी प्राजेक्ट में हुडको द्वारा स्कूलों में पठनपाठन व्यवस्था हेतु आधुनिक उपकरण एलईडी के लिए 2.5 के कार्य प्रोसेस में हैं,जबकि ओएनजीसी 1.5 करोड़ के फर्नीचर एवं उपकरण में सहयोग कर रही है।
मा0 सीएम के निर्देश डीएम की योजना बच्चों को पढाई के साथ आधुनिक, स्पर्धात्मक की है,जिसके लिए प्रशासन अपने स्तर पर निंरत प्रयासरत हैं। जल्द ही स्कूलों में एलईडी स्क्रीन के माध्यम ऑनलाइन पढ़ाई हो सकेगी हुडको पर 3.5 करोड़ का प्रोजेक्ट अंतिम चरण पर है।
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने कहा, ‘ओएनजीसी’ और मुमकिन है डेवलपमेंट फाउंडेशन का यह प्रयास सरकारी स्कूलों के विकास और छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के अंतर्गत आगे भी जरूरतमंद स्कूलों को फर्नीचर एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाने की योजना है।
इस योजना का उद्देश्य न केवल विद्यार्थियों को सुविधाजनक बैठने की व्यवस्था प्रदान करना है, बल्कि उनके समग्र विकास को भी सुनिश्चित करना है। यह पहल सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए शिक्षा के प्रति एक सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होगी।
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