April 27, 2025

भागीरथ महोत्सव मेला 2025 का रोमांच चरम, आखिरी दिनों में भी जुट रही भारी भीड़

* झूला, पकवान और सांस्कृतिक कार्यक्रम बना आकर्षण का केंद्र

हरिद्वार। भागीरथ जनकल्याण सेवा समिति (रजि) के तत्वावधान में भेल, सै-4 के दशहरा मैदान में भागीरथ महोत्सव मेला- 2025 का आयोजन किया जा रहा है। 27 मार्च को शुरू हुए मेला का समापन बुधवार, 30 अप्रैल को होगा। करीब 35 दिनों तक चलने वाले मेला को लेकर लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रतिदिन भारी तादाद में लोग सपरिवार मेला का आनंद उठाने पहुंच रहे हैं। मेला में शानदार झूलों के साथ लजीज व्यंजनों का भी आनन्द उठा रहे हैं। वहीं संस्था की ओर से आयोजित सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम भागीरथ महोत्सव मेला 2025 के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जहां लोकप्रिय कलाकारों के साथ स्थानीय प्रतिभाओं को भी अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए मंच प्रदान किया गया है।इन कलाकारों को देखने के लिए भारी भीड़ जुट रही है। बताया गया कि प्रतिदिन शाम को 7 बजे से लेकर मध्य रात्रि तक मेला अपने चरम पर होता है। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार रात्रि 12 बजे के उपरांत सभी झूलों का संचालन बंद कर दिया जाता है। भागीरथ जनकल्याण सेवा समिति की ओर से मेला की सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद करते हुए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। शुक्रवार, 25 मार्च को मेला के संबंध में आयोजन समिति के पदाधिकारियों से भेंटवार्ता कर चर्चा की। मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष मनोज यादव ने बताया कि 35 दिनों तक चलने वाले मेला का शुभारंभ 27 मार्च को हुआ और समापन 30 अप्रैल को होगा। मेला के आखिरी चरण में भी लोगों का उत्साह कम होता नहीं दिखाई पड़ रहा है। हालांकि कुछ लोग मेला आयोजन को लेकर विरोध भी जता रहे हैं। लेकिन शासन- प्रशासन के सहयोग से मेला निर्विरोध चल रहा है। वरिष्ठ समाजसेवी एवं भाजपा नेत्री रंजीता झा ने कहा सोशल मीडिया के दौर में भी लोग टीवी मोबाइल से चिपक कर रह गये है। लोगों का समाजिक दायरा कम हो रहा है।ऐसे में भारत की प्राचीन परंपरा का निर्वहन करते हुए भागीरथ महोत्सव मेला 2025 का आयोजन अच्छी पहल है। लोग बढ़ चढ़कर मेला का आनंद ले रहे हैं। भेंटवार्ता के दौरान संस्था के उपाध्यक्ष पं तरूण शुक्ला, संरक्षक राकेश चौहान, सुकरम पाल, सचिव परमाल सिंह, कोषाध्यक्ष प्रवीण बरदिया, पं शिवनारायण शर्मा सहित अन्य गणमान्य लोग मेला सकुशल संपन्न कराने में दिन रात जुटे हैं ।