September 8, 2024

उत्तराखंड में मंत्रियों के विभागों का हुआ बंटवारा, देखिए

देहरादून।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट के विभागों का आवंटन मंगलवार को कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने चुनावी साल में खुद को हलका रखते हुए अपने पास केवल एक दर्जन विभाग ही रखे हैं। मुख्य सचिव एसएस संधू ने विभागों के बंटवारे की अधिसूचना जारी की।

सीएम पद की दौड़ में शामिल डॉ.धनसिंह रावत को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग देकर उनका कद बढ़ाया गया है। तीरथ मंत्रिमंडल में रहे उनके सभी पिछले विभाग यथावत रखे गए हैं। कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद को ग्राम्य विकास विभाग भी दिया गया है।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को अहम माने जाने वाला लोक निर्माण विभाग, डॉ.हरक सिंह रावत को ऊर्जा और यशपाल आर्य को आबकारी विभाग भी दिया गया है। उनके बाकी सभी पुराने विभाग बरकरार रखे गए हैं। इसे तीनों कैबिनेट मंत्रियों की नाराजगी दूर करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। बाकी मंत्रियों के विभागों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनावी साल के दबाव को देखते हुए अहम विभागों का मोह छोड़ दिया। उन्होंने अपने पास केवल 12 विभाग रखे, जबकि उनसे पहले मुख्यमंत्री रहे तीरथ सिंह रावत के पास 20 और त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास 50 से अधिक विभाग थे। धामी ने ऊर्जा, लोनिवि, स्वास्थ्य, आबकारी सरीखे अहम विभाग मंत्रियों में बांट दिए हैं।

कोविड महामारी के दौरान राज्य में अलग से स्वास्थ्य मंत्री की मांग ने जोर पकड़ा था। सामाजिक और राजनीतिक मंचों से भी इसकी मांग उठी थी। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री डॉ.धनसिंह रावत को यह मंत्रालय सौंप दिया है। भाजपा सरकारों में डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक के बाद डॉ.धनसिंह रावत दूसरे स्वास्थ्य मंत्री हैं। इससे पहले कांग्रेस सरकार में सुरेंद्र सिंह नेगी स्वास्थ्य मंत्री थे।

धामी मंत्रिमंडल में डॉ.धनसिंह रावत और यतीश्वरानंद का कद बढ़ा है। राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनने के बाद अब दोनों को एक-एक और अहम विभाग दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी : (12 विभाग) मंत्रिपरिषद, कार्मिक एवं अखिल भारतीय सेवाओं का संस्थापना विषयक कार्य, सतर्कता, सुराज, भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं जनसेवा, गृह, कारागार, नागरिक सुरक्षा एवं होमगार्ड एवं अर्द्धसैनिक बल, राज्य संपत्ति, राजस्व, न्याय, सूचना, तकनीकी शिक्षा, नागरिक उड्डयन, वित्त, वाणिज्य कर, स्टांप एवं निबंधन, नियोजन।

सतपाल महाराज कैबिनेट मंत्री (8 विभाग):  सिंचाई, बाढ़ नियंत्राण, लघु सिंचाई, जलागम प्रबंधन, भारत नेपाल उत्तराखंड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व, लोक निर्माण विभाग।

डॉ.हरक सिंह रावत (7 विभाग): वन, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन, श्रम, कौशल विकास एवं सेवायोजन, आयुष, आयुष शिक्षा, ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा।

बंशीधर भगत (5 विभाग): विधायी एवं संसदीय कार्य, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, शहरी विकास, आवास, सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी।

यशपाल आर्य (6 विभाग): परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन और आबकारी।

बिशन सिंह चुफाल (4 विभाग) : पेयजल, वर्षा जल संग्रहण, ग्रामीण निर्माण और जनगणना।

सुबोध उनियाल (7 विभाग): कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि विपणन, उद्यान एवं कृषि प्रसंस्करण, उद्यान एवं फलोद्योग, रेशम विकास, जैव प्रौद्योगिकी।

डॉ.धनसिंह रावत (5 विभाग): सहकारिता, प्रोटोकॉल, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा।

रेखा आर्या (4 विभाग): महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य।

यतीश्वरानंद (4 विभाग): भाषा, पुनर्गठन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, ग्राम्य विकास।

गणेश जोशी (4 विभाग) : सैनिक कल्याण, उद्योगिक विकास, लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग ।

अरविंद पांडे (6 विभाग) : विद्यालय शिक्षा (बेसिक), विद्यालय शिक्षा (माध्यमिक), खेल, युवा कल्याण, पंचायती राज, संस्कृत शिक्षा।
प्रदेश के इतिहास में पहली बार डॉ. हरक सिंह रावत को ऊर्जा मंत्री बनाए जाने पर कर्मचारी संगठनों में खुशी की लहर है। उन्होंने नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है।

दरअसल, उत्तराखंड गठन के बाद से आज तक केवल एनडी तिवारी सरकार में अमृता रावत ऊर्जा राज्यमंत्री रही हैं। अन्यथा ऊर्जा विभाग हमेशा मुख्यमंत्री के पास ही रहा है। इतिहास में पहली बार डॉ. हरक सिंह रावत को ऊर्जा मंत्री बनाया गया है।

उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन ने नवनियुक्त ऊर्जा मंत्री हरक को भी बधाई दी। उन्होंने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के नेतृत्व में ऊर्जा विभाग देश के सभी बिजली विभागों/निगमों/कंपनियों को पछाड़ते हुए विद्युत उत्पादन, पारेषण व वितरण के के क्षेत्र में प्रथान स्थान प्राप्त करेगा।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि ने विश्वास जताया कि तीनों निगमों में उपनल के माध्यम से वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मियों के नियमितीकरण और समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को नए ऊर्जा मंत्री पूरा करेंगे।