हरिद्वार।
अपने पड़ोसी के साथ हुई मामूली सी घटना को लेकर हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने साजिशन वरिष्ठ पत्रकार और उनके पत्रकार बेटे के खिलाफ पोस्को में केस दर्ज कर उनके खिलाफ कारवाई कर दी और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पुलिस की इस द्वेषपूर्ण करवाई से हरिद्वार के पत्रकारों में गुस्सा है। प्रेस क्लब के आव्हान पंर जिले भर से पत्रकार इकट्ठा हुए और हरिद्वार पुलिस के खिलाफ सड़को पर उतर कर प्रदर्शन किया।
आज पत्रकारों ने देवपुरा स्थित प्रेस क्लब से कोतवाली तक मार्च निकाला और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सभी पत्रकार कोतवाली के सामने धरने पर बैठ गए। धरनास्थल पर भी पत्रकारों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और दोषी अधिकारियों को निलंबित किये जाने की मांग की।
पिछले दिनों 4 अगस्त को वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रकाश चौहान का अपने पड़ोसियों के साथ मामूली सी मारपीट की घटना हो गई थी। वेदप्रकाश के पड़ोसी ने अपने और अपनी नाबालिग पुत्री के साथ मारपीट की शिकायत हरिद्वार कोतवाली में की थी। पुलिस ने इस घटना की रिपोर्ट दर्ज करते हुए वेदप्रकाश चौहान और उनके परिजनों के खिलाफ गालीगलौच और मारपीट के साथ साथ पोस्को अधिनियम जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने वेदप्रकाश और उनके बेटे संजय चौहान को बयान देने के बहाने घर से कोतवाली बुलाया और वंहा उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
हरिद्वार के पत्रकारों में पुलिस की इस कारवाई से भारी रोष है। पत्रकारों का कहना है कि मामूली से विवाद में पोस्को जैसी गंभीर धारा लगाया जाना गलत है इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस ने वेदप्रकाश और उनके परिजनों के खिलाफ द्वेषपूर्ण तरीके से की है। क्योंकि पिछले दिनों लॉक डाउन के दौरान वेदप्रकाश का पुलिस से विवाद हो गया था जिसके बाद से ही पुलिस उन्हें फर्जी मामले के में फंसाने की साजिश कर रही थी। जब वेदप्रकाश की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर कुछ पत्रकार कोतवाली पंहुचे तो कोतवाल और विवेचना अधिकारी ने पत्रकारों के साथ भी अभद्रता की और उनके खिलाफ भी सरकारी काम मे बाधा डालने का मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी। प्रेस क्लब के अध्यक्ष और महामंत्री के नेतृत्व में जिले के पत्रकारों के सभी संगठनों से जुड़े पत्रकारों ने हरिद्वार कोतवाली पुलिस के खिलाफ संघर्ष का एलान कर दिया है। जिले भर के पत्रकारों ने एकजुट होकर पत्रकार परिवार उत्पीड़न के दोषी अधिकारियों को तत्काल हटाने की मांग की है। इसी के साथ पत्रकारों ने माम्तले कि उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की भी मांग की। दोषी अधिकारियों को हटाए जाने तक पत्रकारों का आंदोलन जारी रहेगा।
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