हरिद्वार।
सावन के तीसरे सोमवार के पावन मौके पर धर्मनगरी हरिद्वार के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा रहा।
वैसे तो सावन का हर दिन पावन माना जाता है, लेकिन इस पूरे माह पड़ने वाले हर सोमवार का विशेष महत्व होता है। सोमवार को शिव की भक्ति का सबसे अच्छा दिन भी माना जाता है। मान्यता है कि शिव को सोमवार का दिन सबसे ज्यादा प्रिय होता है। इसलिए इस दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर शिव की कृपा अपार मिलती है। इससे पहले भगवान शंकर की आरती की जाती है। यह भी माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल में ही निवास कर यही से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण करते हैं। यह भी माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल में ही निवास कर यहीं से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण करते हैं।
हरिद्वार के शिव मंदिरों में भोलेनाथ शिव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगता था, मगर इस वर्ष कोरोना के चलते श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आयी है। इस वर्ष मंदिर प्रबंधक और पुलिस प्रशासन ने कोरोना को देखते हुए कड़े प्रबंध किए हैं। अच्छी बात यह है कि खुद श्रद्धालु भी कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए नजर आ रहे हैं। सभी की यही कामना है कि इस बीमारी से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाए। दक्ष प्रजापति मंदिर आए श्रद्धालु का कहना है सावन का महीना भगवान शिव का अति प्रिय महीना है। कनखल दक्ष प्रजापति महादेव की ससुराल है और दुनिया में सबसे पहला भगवान शिव का मंदिर है। भगवान शिव ने राजा दक्ष को वचन दिया था कि सावन के एक महीने वह यहीं पर वास करेंगे। इसलिए भगवान शिव सावन का एक महीने दक्ष प्रजापति में ही वास करते हैं। इनका कहना है कि भगवान शिव अपने ससुराल में एक महीने के लिए विराजमान हो गए हैं और भक्तों की दक्ष प्रजापति मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है। इस वर्ष सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए भारी भीड़ नहीं जुट पाए इसके भी मंदिर प्रशासन और पुलिस प्रसाशन द्वारा खास इंतजाम किए गए। मंदिर में भक्तों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जा रहा है।
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