देहरादून/देवप्रयाग।
दशरथ पर्वत पर मंगलवार शाम बादल फटने से शांता गदेरा उफान पर आ गया। जिससे देवप्रयाग बजार में तबाही मच गई। बुधवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आपदा प्रभावित क्षेत्र देवप्रयाग में ग्राउंड जीरो पर पहुंचे।
मुख्यमंत्री सुबह 11 बजे आपदा प्रभावित क्षेत्र पहुंचे। मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों से मुलाकात की और कहा कि हर सम्भव सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को प्रभावितों को अनुमन्य सहायता जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक विनोद कण्डारी, जिलाधिकारी ईवा श्रीवास्तव, एसएसपी भी मौजूद रहे। मंगलवार शाम बादल फटने से गदेरे के साथ आए पत्थर और मलबे ने यहां बीच बाजार में तबाही मचा दी थी। पलभर में आईटीआई के भवन सहित लगभग 10 दुकानें ध्वस्त हो गईं थीं। नगर से बस अड्डे की ओर आने वाला रास्ता व पुलिया भी बह गई। गदेरे के उफान पर आते ही लोगों ने भागकर जान बचाई।
गनीमत यह रही कि कोविड कर्फ्यू के कारण आईटीआई सहित दुकानें बंद थी, जिससे यहां आवाजाही बहुत कम थी। मंगलवार शाम करीब 5 बजे दशरथ पहाड़ पर बादल फटने के कुछ देर में शांता गदेरे में भारी मात्रा में मलबा आ गया।
यह गदेरा बस अड्डे बाजार के बीच से बहते हुए भागीरथी नदी में मिलता है। पानी के साथ आए भारी बोल्डरों ने शांति बाजार में तबाही मचा दी। पिलरों पर खड़ी आईटीआई की तीन मंजिला बिल्डिंग जमीदोज हो गई। यहां मौजूद सुरक्षा कर्मी दीवान सिंह ने कूद कर जान बचाई। आईटीआई भवन में मौजूद कंप्यूटर सेंटर, निजी बैंक, बिजली व फोटोग्राफी आदि की दुकानें भी ध्वस्त हो गई। वहीं शांता गदेरे पर बनी पुलिया व रास्ता सहित इससे सटी ज्वैलर्स, कपड़े, मिठाई आदि की दुकानें भी मलबे की भेंट चढ़ गईं।
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