देहरादून।
इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) में 425 जेंटलमैन कैडेट्स ने कमांडेंट परेड (फुल ड्रेस रिहर्सल परेड) में शानदार कदमताल की। इस दौरान भावी अफसरों का जोश और जज्बा देखते ही बन रहा था। शनिवार सुबह पासिंग आउट परेड के बाद देश-विदेश के यह सभी जेंटलमैन कैडेट अपने देश की सेना का अभिन्न अंग बन जाएंगे। अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर पासिंग आउट बैच के इन जेंटलमैन कैडेट्स ने आईएमए गीत की धुन पर शानदार कदमताल करते हुए आईएमए के समादेशक ले. जनरल हरिंदर सिंह से विदाई ली। इससे पहले समादेशक ने बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड का निरीक्षण कर जनरल सैल्यूट लिया। परेड के दौरान जेंटलमैन कैडेट्स जोश व जज्बे से भरपूर दिखे। मार्कर कॉल के बाद परेड कमांडरों की टुकड़ी ने जैसे ही ड्रिल स्क्वायर पर कदम रखे तो दर्शक दीर्घा में बैठे जूनियर कैडेट्स ने जेंटलमैन कैडेट्स का उत्साह बढ़ाया।
समादेशक ने सैन्य प्रशिक्षण के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जेंटलमैन कैडेट्स को रिहर्सल के तौर पर स्वोर्ड ऑफ ऑनर के साथ ही गोल्ड, सिल्वर व ब्रॉन्ज मेडल प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि बतौर सैन्य अधिकारी सेना में शामिल होने जा रहे जेंटलमैन कैडेट्स को सैन्य परंपराओं का निवर्हन कर आगे बढ़ना होगा। सेना की प्रतिष्ठा अब उनके कंधों पर है। मित्र देशों के जेंटलमैन कैडेट्स को उन्होंने सैन्य प्रशिक्षण में सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए बधाई दी।
परेड को देखते हुए आईएमए की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। कोई परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिए आईएमए के आसपास चप्पे-चप्पे पर सेना के जवान और बाहरी क्षेत्र में पुलिस तैनात की गई है।
आईएमए देश का महत्वपूर्ण सैन्य संस्थान हैं। लिहाजा यह हमेशा से आंतकियों के निशाने पर रहता है। खासकर आईएमए परेड के दौरान यह खतरा और बढ़ जाता है। क्योंकि इस दिन यहां कई महत्वपूर्ण हस्तियां जुड़ती है। पिछले आईएमए परेड के दौरान दून से कुछ आतंकवादी भी पकड़े गए थे, लिहाजा यहां की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। आईएमए के आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सेना के हवाले हैं, जबकि बाहरी सुरक्षा पुलिस के हवाले।
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