September 8, 2024

देशभर के मौसम का अनुमान

PIB Delhi

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार

लक्षद्वीप क्षेत्र और उससे जुड़ा दक्षिण-पूर्वी अरब सागर पर साफ तौर पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके कारण चक्रवाती हवायें धरती के बीच के वायुमंडल तक मौजूद हैं। अंदेशा है कि अगले 12 घंटों में इसी जगह पर दबाव का क्षेत्र बन जायेगा तथा बाद के 24 घंटों के दौरान तेज होकर चक्रवात में परिवर्तित हो जायेगा। इसके और तेज होने की संभावना है और फिर वह उत्तर-पश्चिम में गुजरात तथा पाकिस्तान के तटीय इलाकों की तरफ बढ़ेगा। अंदेशा है कि 18 मई की शाम को यह गुजरात के तट से टकरायेगा।

पश्चिमी विक्षोभ धरती के मध्य और ऊपरी वायुमंडल में मौजूद है। इसका केंद्र समुद्री सतह से 5.8 किलोमीटर ऊपर है, जो मोटे तौर पर 75o देशांतर से 30o अक्षांश उत्तर में सक्रिय है।

दक्षिण-पूर्व मध्यप्रदेश और पड़ोसी इलाकों में समुद्री सतह से 0.9 किलोमीटर ऊपर चक्रवाती स्थिति बनी हुई है।

उत्तर-दक्षिण से चलने वाली हवाओं की दिशा बदल गई है, जिसका कारण चक्रवाती स्थिति है। ये हवायें पहले दक्षिण-पूर्व मध्यप्रदेश और पड़ोसी इलाकों में चल रही थीं तथा अब इनका रुख दक्षिणी तमिलनाडु, विदर्भ, तेलंगाना और रायलसीमा की तरफ हो गया है। ये हवायें समुद्री सतह से 0.9 किलोमीटर ऊपर मौजूद हैं।

चक्रवाती स्थिति के कारण पूर्व-पश्चिम में बनने वाला कम दबाव का क्षेत्र दक्षिण-पूर्वी मध्यप्रदेश और पड़ोसी इलाकों पर कायम था, जो अब असम, पूरे झारखंड और पश्चिम बंगाल में गंगा के आसपास के इलाकों पर समुद्री सतह से 0.9 किलोमीटर ऊपर सक्रिय है।

दक्षिणी उत्तरप्रदेश के मध्य भाग और पड़ोसी इलाकों पर चक्रवाती स्थिति सक्रिय है। वह समुद्री सतह से 0.9 किलोमीटर ऊपर मौजूद है।

मध्य पाकिस्तान और आसपास के इलाकों पर चक्रवाती स्थिति बनी हुई है, जो समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर सक्रिय है।