हरिद्वार।
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने प्रदेश के गन्ना किसानों के हित मे आदेश जारी करा दिया है। आदेश के मुताबिक अब प्रदेश के गन्ना किसान को गन्ना समितियों से नकद उर्वरक व खाद मिल सकेगा। बीते मंगलवार को उन्होंने बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिया था कि गन्ना समितियों द्वारा किसानों को नगद उर्वरक व खाद विक्रय करने की व्यवस्था तत्काल लागू की जाए। ज्ञात हो कि अब तक गन्ना किसानों को समितियों द्वारा केवल उधार उर्वरक व खाद देने की व्यवस्था थी। पिछले लंबे समय से गन्ना किसानों द्वारा मांग की जा रही थी कि अन्य सहकारी समितियों के तहत ही गन्ना समितियों में भी उर्वरक व खाद नगद खरीद की व्यवस्था की जाए। जनपद हरिद्वार, उधमसिंह नगर व देहरादून के कई प्रतिनिधि मंडलों ने गन्ना मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद से मुलाकात कर यह मांग की थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए मंत्री ने गन्ना विभाग के अधिकारियों को बीते मंगलवार को निर्देश जारी किया था कि गन्ना समितियों में भी नगद विक्रय की व्यवस्था की जाए। इस सम्बन्ध में गन्ना एवं चीनी आयुक्त ललित मोहन रयाल ने प्रदेश की सभी समितियों व विभागीय अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है। जिसके तहत तत्काल यह व्यवस्था लागू की गई है। आयुक्त द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य की सहकारी गन्ना विकास समितियों एवं चीनी मिल समितियों के इच्छुक गन्ना किसानों को उनके विकल्प अथवा सुविधानुसार समिति स्तर से नकद उर्वरक एवं खाद विक्रय की जाएगी। जिसके एवज में संबंधित किसान प्राप्त उत्पाद का मूल्य समिति में नगद अथवा चेक के माध्यम से जमा करेंगे तथा प्राप्त धनराशि की रसीद संबंधित समिति द्वारा तुरंत कृषक को उपलब्ध कराई जाएगी। जो कृषक समिति से नगद उर्वरक खाद लिए जाने की सुविधा का उपयोग करेंगे उनके गन्ना मूल्य की धनराशि से कटौती नहीं की जाएगी। आयुक्त ने यह भी आदेश जारी किया कि कृषकों को नगद उर्वरक एवं खाद विक्रय से प्राप्त होने वाली धनराशि अनुरक्षित किए जाने हेतु प्रथक से किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता संचालित किया जाएगा। उक्त प्राप्त धनराशि को किसी भी दशा में पूर्व से संचालित हो रहे वेतन एवं गन्ना मूल्य संबंधी बैंक खातों में कदापि अनुरक्षित नहीं नही रखा जाएगा।
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