September 8, 2024

गुरु गोविंद सिंह सिख पंथ के दसवें और अंतिम सिख गुरु थे: प्रेमचंद अग्रवाल

ऋषिकेश। प्रेमचंद अग्रवाल ने गुरु गोविंद सिंह के जन्म दिवस के अवसर पर हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा ऋषिकेश, और सिंह सभा गुरुद्वारा गढ़ी श्यामपुर में माथा टेक कर गुरु गोविंद सिंह जी का भावपूर्ण स्मरण किया और गुरु गोविंद सिंह के त्याग को अद्वितीय बताया। इस मौके पर श्री अग्रवाल ने गुरुद्वारा सिंह सभा गढ़ी श्यामपुर में पंगत के साथ लंगर भी छका।

श्री अग्रवाल ने कहा है कि गुरु गोविंद सिंह सिख पंथ के दसवें और अंतिम सिख गुरु थे स जो 9 साल की उम्र में गुरु के रूप में उदित हुए। श्री अग्रवाल ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने जाति वर्ग के भेद को दूर कर खालसा पंथ की स्थापना की और उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह समाज और धर्म के ऐसे योद्धा थे जिन्होंने जीवन पर्यंत अपने संपूर्ण परिवार को धर्म के लिए समर्पित कर दिया। श्री अग्रवाल ने कहा है कि सामाजिक मान्यताओं की विभिन्न विषमताओं के साथ लड़ने की क्षमता गुरु गोविंद सिंह के अंदर थी वह ऐसे योद्धा थे जो हर सामाजिक बुराई का डटकर मुकाबला करते थे।

 

श्री अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने सिख पंथ में ऐसा अनुशासन का पाठ पढ़ाया की मुगल के शासकों ने देश के स्वाभिमान को पैरों तले कुचलने का कार्य को उन्होंने पूरा नहीं होने दिया और देश और दुनिया में ऐसे स्वाभिमानी लोग तैयार किए जो अपने धर्म व समाज के लिए हमेशा अडिग रहे।

इस अवसर पर क्षेत्र में हुए विकास कार्यों को लेकर गढ़ी श्यामपुर स्थित सिंह सभा गुरुद्वारे में श्री अग्रवाल को गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों ने सरोपा भेंट कर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर सरदार लक्ष्मण सिंह, राजपाल पवार, सरदार बृजपाल सिंह, सरदार कुलवंत सिंह, सरदार हरबंस सिंह, सरदार जसपाल सिंह, केसर सिंह गुसाईं, जोगिंदर सिंह, आदि सहित अनेक लोग उपस्थित थे।