हरिद्वार।
जिन लोगों ने वैक्सीन लगा ली है, मास्क पहनते हैं, पूरी सावधानी बरतते हैं वह सुरक्षित हैं, लेकिन अगर वायरस को नए मौके मिलेंगे तो केस भी बढ़ेंगे। कोरोना के फैलने के साइज को कम करना और इसकी फ्रिक्वेंसी को कम करना हमारे हाथ में है। जो लोग संक्रमित हैं पर बिना लक्षण के हैं, वे दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं इसलिए सावधानी की जरूरत है।
उपरोक्त विचार रखते हुये एपीआई उत्तराखंड चैप्टर के वाईस प्रेसिडेन्ट वरि. चिकित्सक डा. संजय शाह का कहना है कि अगर शुरुआती लक्षणों की पहचान के बाद ही मरीज को सही इलाज मिल जाए तो जान बच सकती है। ऐसे में कोरोना के लक्षणों की पहचान करना सबसे जरूरी है। वैसे तो आमतौर पर कोरोना के शुरुआती लक्षणों में लोगों को बुखार आ रहा है, लेकिन कई लोग बुखार नहीं आने के बाद भी पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। ऐसे में आप इन लक्षणों से भी कोरोना के होने का पता लगा सकते हैं।
खांसी आना- कई लोगों को धूम्रपान और वायरल फ्रलू होने पर भ् खांसी आती है, ऐसे में ये जान पाना मुश्किल हो जाता है कि कहीं ये कोविड का लक्षण तो नहीं है। कोरोना में लगातार खांसी आती है, ऐसे में आपको इसे कोरोना मानकर इलाज करवाना चाहिए। सांस में तकलीफ- अगर आपको सांस से जुड़ी किसी तरह की कोई परेशानी है रही है तो आक्सीमीटर से आक्सीमीटर चेक कर लें, अगर ब्लड आक्सीजन 94 से नीचे आए तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।
लाल आंखें- अगर आपकी आंखें हल्की लाल या गुलाबी हो गई हैं आंख में किसी तरह का लालपन, सूजन या आंख से पानी आता है तो ये भी एक लक्षण हो सकता है।
स्वाद और गंध जाना-गंध और स्वाद जाना भी कोरोना का अहम लक्षण है। ये लक्षण बुखार आने से पहले भी दिख सकता है। ये लक्षण रिकवरी के बाद भी लंबे समय तक रह सकता है।
थकान और कमजोरी- कोरोना में मरीज को बहुत थकान और कमजोरी भी रह रही है हालांकि किसी दूसरी वजह से भी थकान हो सकती है, लेकिन कोरोना में ज्यादा थकान रह रही है।
सीने में दर्द- सीने में दर्द भी कोरोना का एक गंभीर लक्षण है इसमें मरीज को तुरंत अस्पताल में एडमिट किया जा रहा है, अगर आपको ऐसा महसूस हो तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।
गले में खराश- अगर आपको गले में खांसी और खराश की शिकायत है तो ये कोरोना का लक्षण हो सकता है ये नार्मल खांसी ये थोड़ा अलग होगी। जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द- कई लोगों को मांसपेशियों और जोड़ों में भी दर्द रह सकता है, खासतौर से बुजुर्गों में ये लक्षण देखे गए हैं ऐसा तब होता है जब वायरस टिश्यू और सेल्स पर हमला करता है।
डायरिया- अगर आपका जी मिचला रहा है या डायरिया की शिकायत है तो ये कोरोना का लक्षण हो सकता है, इसमें पेट में ऐंठन और उल्टी हो
सकती है।
डा. संजय शाह के अनुंसार कोरोना इन 14 दिनों में किस तरह से आपके शरीर में असर डालता है और इस वायरस को कैसे हरा सकते हैं। इसकेे तीन फेज इस प्रकार से समझ सकते हैं। पहला फेज- ये शुरुआत के चार दिनों तक रहता है।
अगर किसी मरीज को कोरोना है और उसकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है तो घबराने की जरूरत नहीं है। शुरुआत के चार दिनों में इस पर विशेष रूप से नजर बनाए रखने की जरूरत है। ये वही समय है जब वायरस आपके गले में रहता है शरीर में फैलने की कोशिश करता है। वायरस इस समय सबसे ज्यादा शक्तिशाली होता है। ऐसे में सेहतमंद खाना खाएं और एक्सरसाइज से अपने फेफड़ों को दुरुस्त रखने की कोशिश करें। इस दौरान अपना आक्सीजन लेवल, बीपी और टेंपरेचर मॉनिटर करना न भूलें और चिकित्सक के सम्पर्क में रहे।
दूसरा फेज- ये 5वें दिन से 9वें दिन तक कर सकता है प्रभावित। इस फेज में बुखार कम होने लगता है। इस दौरान प्रोटीन वाला खाना खाना चाहिए। पीठ स्ट्रेच करने वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए। इस फेज में ज्यादातर मरीजों को पीठ में काफी दर्द रहता है और पूरे शरीर में दर्द महसूस होता है। इस फेज में स्टीम लेते रहें और अपना तापमान और आक्सीजन लेवल चेक करते रहें।
तीसरा फेज- ये 10वें दिन से 14वें दिन तक होता है। इस फेज को रिकवरी फेज भी कहा जा सकता है। इस फेज में आप कोरोना के खतरे से बिल्कुल बाहर आ जाते हैं। इस समय अच्छी डाइट लेनी चाहिए। एक्सरसाइज का समय भी बढ़ा देना चाहिए, जिससे आप अपना स्टेमिना रीगेन कर सकें। इस फेज में आप लोगों से मिलें नहीं, खुद को आइसोलेट रखें और अपना ध्यान रखें।
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