September 8, 2024

सहमति पत्र लेकर शासन ने अभिभावकों पर ही डाल दी जवाबदेही

हरिद्वार। उत्तराखण्ड में सरकार ने क्लास 6 से 12वीं तक के स्कूल खोलने की इजाज़त सरकार ने दे दी है कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन को लेकर लगभग 2 वर्ष होेने वाले है। जिसमें अभी तक भी ठीक प्रकार से कक्षाएं नहीं चल पायी है। सरकार ने दो या अधिक पालियों में क्लास लेने की अनुमति विद्यालयों को दी है। जिसको लेकर उत्तराखण्ड में विद्यालयों द्वारा अभिभावकों को सूचना दी गयी है कि कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों की कक्षायें दो पालियों में चलायी जायेंगी जिसके लिए आपको एक सहमति पत्र भेजा रहा है जो आपको भरकर हस्ताक्षर कर अपने बच्चें को देना यदि कोई बच्चों सहमति पत्र लेकर नहीं आयेगा तो उसको विद्यालय में नहीं बैठने दिया जायेगा। इस सहमति पत्र में स्कूल मैनेजरों ने बच्चों के मां.बाप से 5 बिंदुओं पर सहमति मांगी है। सहमति मिलने के बाद ही बच्चों को स्कूल में एंट्री दी जाएगी। इसमें यह भी लिखा गया है कि अगर मां.बाप सहमत हैं तो पत्र पर साइन कर बच्चे को देकर स्कूल भेज दें। अगर सहमत नहीं हैं तो बच्चे को स्कूल न भेजें।
जिसमें लिखा है कि मेरा बच्चा सरकार द्वारा स्कूल खोलने के लिए कोविड-19 से संबंधित दिशा निर्देशों का पालन करेंगा।, वह मास्क का उपयोग करेगा/ करेगी, .बच्चा बिना मास्क के नहीं आायेगा, बच्चा अपना सैनेटाइजर, कापी, किताब, पेन पेंसिल आदि किसी से आदान प्रदान नहीं करेगा, अतिरिक्त मास्क साथ लायेगा, वह खाने का सामान व पानी की बोतल साथ लायेगा और .आखिर में यह सहमति देनी होगी कि हम अपने बच्चे को भौतिक रूप से स्कूल भेजेंगे और उसकी हेल्थ की ज़िम्मेदारी पूरी तरह से हमारी होगी।

अभिभावकों की ओर से मत
दूसरी ओर कुछ अभिभावकों में चर्चा है कि लगभग दो साल से स्कूल बंद थे। कोरोनाकाल में बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई। अभी कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। बच्चों को स्कूल भेजना हमारी मजबूरी है। शासन को बच्चों के लिए भी सुरक्षा चक्र बनाकर ही स्कूल खोलना था। सहमति.पत्र देकर शासन ने अभिभावकों पर ही जवाबदेही डाल दी। बच्चों को गाइडलाइन के अनुसार सुरक्षा मिले तो कोई आपत्ति नहीं है। सहमति.पत्र को लेकर असमंजस में हैं। संक्रमण को लेकर डर तो हैं, लेकिन शिक्षक भी अपनी जवाबदेही समझते हैं। हम सहमति.पत्र को लेकर असहज हो रहे हैं।