देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद यूकास्ट में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर साप्ताहिक विज्ञान उत्सव का भी समापन हुआ तथा विभिन्न प्रतियोगिताएं में चयनित छात्र छात्राओं को पुरुस्कार भी वितरित किये गए। यह कार्यक्रम उत्तराखंड में देहरादून, श्रीनगर और हरिद्वार में आयोजित किया गया। यह विज्ञान उत्सव उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट), नासी उत्तराखंड अध्याय, विज्ञान प्रसार और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के संयुक्त सहयोग से मनाया गया।
विभिन्न वैज्ञानिक संस्थान जैसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, सर्वे ऑफ इंडिया, हिमालयन एक्शन रिसर्च सेंटर,स्पैक्स, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च फॉर डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, तुलाज इंस्टीट्यूट, डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स एप्लीकेशन लेबोरेटरी (डी ई ए एल), कृषिवन समिति, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, आई.सी.ए.आर , सगंध पादप केंद्र देहरादून , राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान भारत, मत्स्य विभाग, उत्तराखंड सरकार, यूकॉस्ट, बायोटेक कॉउन्सिल, मेसर्स बिशन सिंह महेंद्र पाल सिंह, नटराज पब्लिशर तथा कई अन्य ने विज्ञान सम्बंधित प्रदर्शनियों का आयोजन किया। इस अवसर पर डॉ महेश भट्ट (सर्जन, लेखक) द्वारा ष्मैं विज्ञान हूँष् शीर्षक के तहत एक विज्ञान कविता का वीडियो भी लांच किया गया। डॉ कलाचंद सेन निदेशक, वाडिआ इंस्टिट्यूट ऑफ़ हिमालयन जियोलॉजी, देहरादून ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार एक दूसरे से जुड़े हैं और भूविज्ञान के द्वारा दुनिया के कई मसलों जैसे खाद्य सामग्री से जुड़ी समस्याएं और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि रैणी आपदा और केदारनाथ आपदा जैसी घटनाओं को प्रौद्योगिकी के सतत विकास के द्वारा ही रोका जा सकता है।
पदम् श्री प्रोफेसर ऐ एन पुरोहित ने अपने वक्तव्य में विद्यार्थियों को विभिन्न स्कालरशिप के बारे में बताया और वैज्ञानिक लेखन की बारीकियों से अवगत कराया। राकेश ओबराय (अध्यक्ष, ओबराय मोटर) ने छात्रों को विज्ञान की समझ विकसित करने और वैज्ञानिको द्वारा लाये गए सामाजिक परिवर्तन पर बात की। इस अवसर पर प्रोफेसर हेम चंद्र पांडेय, कुलपति, एच.एन.बी. उत्तराखंड चिकित्सा विश्वविद्यालय, अजीत कुमार कर्नाटक,
वी सी, वीर चंद्र सिंह वानिकी विश्वविद्यालय भरसार, डॉ डी पी उनियाल, संयुक्त निदेशक यूकोस्ट, डॉ बी पी पुरोहित, डॉ आशुतोष मिश्रा, इंजीनियर जितेंद्र, अमित पोखरियाल, डॉ अपर्णा शर्मा, डॉ प्रशांत (डी ए वी पी जी कॉलेज), यूकोस्ट का समस्त स्टाफ, बायोटेक काउंसिल का स्टाफ और आई सी ऍफ़ ऐ आई यूनिवर्सिटी, ग्राफ़िक एरा, हिमगिरि ज़ी यूनिवर्सिटी, जी आर डी गर्ल्स कॉलेज, देवभूमि इंस्टिट्यूट, आई टी आई टी आई और कई अन्य कॉलेजों के 300 से अधिक विद्यार्थियों और लोगों ने हाइब्रिड मोड के माध्यम से प्रतिभाग किया। डॉ राजेंद्र डोभाल महानिदेशक यूकॉस्ट और जीएस रौतेला सलाहकार साइंस सिटी भी इस कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े रहे। इस अवसर पर डॉ आशुतोष मिश्रा वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, यूकोस्ट ने सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों का धन्यवाद देते हुए विज्ञान दिवस की शुभकामनायें प्रेषित की। स्नातक और उससे ऊपर की केटेगरी पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में स्वाति पंत को पहला स्थान, सुहासिनी अवस्थी, ऋषिकेश को दूसरा और दीपा पंवार को तीसरा स्थान मिला। नौंवी से बारहवीं तक अनुष्का नेगी को पोस्टर मेकिंग में पहला स्थान मिला। 5वीं से 8वीं कक्षा तक पोस्टर मेकिंग में आद्या अग्रवाल, हरिद्वार को पहला, निधि सिंगला, देहरादून को दूसरा और सायरा निदान देहरादून को तीसरा स्थान मिला। पहली से चौथी कक्षा तक पोस्टर मेकिंग में कविश जोशी, देहरादून को प्रथम, मिताली राज, रुड़की को दूसरा और आदित्य कपूरिया, देहरादून तीसरा स्थान मिला।
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