देहरादून। विधानसभा चुनाव का परिणाम आगामी 10 मार्च को आने वाला है। जिसको सभी राजनैतिक दलों ने अपने अपने कवायत लगाने शुरू कर दिये है। साथ सभी सियासी दल अपनी सरकार बनाने के समीकरणों पर भी फोकस करना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी अब लॉबिंग में जुट गए हैं। हरीश रावत ने पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के हल्द्वानी स्थित आवास में मुलाकात की है। इसे हरीश रावत की खुद के लिए माहौल बनाने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है।
जबकि प्रदेश में 10 मार्च को साफ हो जाएगा कि किसकी सरकार बनने जा रही है। लेकिन अब तक पार्टी स्तर पर मिले फीडबैक के आधार पर सीनियर नेता अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुट गए हैं। कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार खुद के पक्ष में माहौल बनाने के लिए कांग्रेस के नेताओं से मिल रहे हैं। जिसको लेकरं हरीश रावत ने यशपाल आर्य से मुलाकात की। भाजपा से वापसी के बाद यशपाल आर्य कांग्रेस के लिए बड़ा विकल्प माने जा रहे हैं। जो कि सरकार बनाने में अहम भूमिका में रह सकते हैं। इसके पीछे कांग्रेस के बड़े चेहरे के जरिए वोटबैंक पर सेंधमारी का कोशिश मानी जा रही है। इसके बाद यशपाल आर्य कांग्रेस का दामन थामने के साथ ही कांग्रेस के बड़े नेता चेहरे भी हो गए।
हरीश रावत के यशपाल आर्य से मुलाकात के भी सियासी मायने इसी कड़ी में तलाशे जा रहे हैं। हरीश रावत एक तरफ यशपाल आर्य को अपने पक्ष में करने में जुटे हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के बनाने के प्रयास में यशपाल आर्य का नंबर भी लगने की उम्मीद जताई जा रही है। जिसमें दोनों नेताओं की एक दूसरे की सहयोग की आवश्यकता पड़ सकती है। यशपाल आर्य से मिलने के बाद मीडिया ने हरीश रावत से सवाल किया तो हरीश रावत ने अपने जीवनकाल में यशपाल आर्य को मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई है। हरीश रावत ने कहा है कि इस चुनाव में कांग्रेस को दलित समुदाय को पूरा समर्थन और वोट मिला है। ऐसे में उनकी सरकार आना तय है। हरीश रावत ने एक बार फिर दोहराया कि कांग्रेस 48 सीटें जीतकर आ रही हैं।
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