November 24, 2024

ग्लेश्यिर पिघलने से ऋषि गंगा और धौली नदी का जलस्तर बढ़ा

जोशीमठ। उत्तराखंड के पहाड़ों में फिर नदियों के जलस्तर बढ़ने से बजे अलार्म के बाद एनटीपीसी के कर्मचारियों को सतर्क होते देखा गया। एक बार फिर से मंगलवार सुबह लगभग 6.30 बजे ऋषि गंगा और धौली नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद एनटीपीसी जल विद्युत परियोजना के बैराज में पानी से भर गया, जिसके बाद एनटीपीसी जल विद्युत परियोजना के अलार्म सिस्टम बजने लगे। अलार्म से मजदूर और बैराज साइड में काम कर रहे इंजीनियर व तमाम कर्मचारी सतर्क हो गए और सुरक्षित स्थान की तरफ गए। नदियों के बढ़े जलस्तर से पूरे क्षेत्र में खौफ का माहौल दिख रहा है।

गर्मी का मौसम आते ही ग्लेशियरों के पिघलने का सिलसिला शुरू हो चुका है। ऋषि गंगा की ऊपरी पहाड़ियों पर बर्फ तेज़ी के साथ पिघलने लगी है। इस वजह से ऋषि गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। साथ ही, नीति मलारी घाटी में भी बर्फ पिघल रही है, जिससे धौली नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने से जल विद्युत परियोजनाओं के साथ ही स्थानीय लोग भी सतर्क हो रहे हैं। बैराज को खाली कराया गया है और मज़दूरों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। जोशीमठ तहसीलदार प्रदीप सिंह नेगी ने बताया कि जलस्तर बढ़ने की जानकारी मिली है, लेकिन मौके पर स्थिति सामान्य है और घबराने की ज़रूरत नहीं है। दूसरी तरफ, पिछली आपदाओं का मंज़र देख चुके स्थानीय लोग डरे हुए नज़र आ रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले साल 7 फरवरी को ऋषि गंगा क्षेत्र में ही प्राकृतिक आपदा से जान और माल का भारी नुकसान हुआ था। इस आपदा में 200 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी और इनमें से कुछ का तो आज तक कोई पता नहीं चला। आपदा में जल विद्युत परियोजनाओं को भी नुकसान पहुंचा था।

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