देहरादून।
प्रदेश में मूसलधार बारिश ने परेशानियां बढ़ा दीं हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण हाईवे और संपर्क मार्ग बाधित हो गए। जेसीबी और श्रमिकों की मदद से घंटों मशक्कत कर मार्ग सुचारू कराए गए। दून-मसूरी मार्ग भी भूस्खलन के कारण प्रभावित रहा।
चमोली जिले में बारिश के चलते लामबगड़ और बेनाकुली में गदेरा उफनाने के चलते बदरीनाथ हाईवे बंद हो गया। दोनों स्थानों पर 60 मीटर से अधिक सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। वहीं, लामबगड़ में एक ट्रक के ऊपर मलबा आने से चालक और क्लीनर ने भागकर जान बचाई। बेनाकुली के पास एक जेसीबी, एक कंप्रेसर, एक मिक्सर मशीन मलबे में दब गई। मलबा आने से बेनाकुली के पास झोपड़ी बनाकर रह रहे 40 मजदूरों ने भागकर जान बचाई। सिमली में पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद सिमली पुल की सामग्री नदी के किनारे से हटा दी गई है। उधर, माणा हेलीपैड और नाले के पास हिमखंड टूटकर गिरने से अफरा-तफरी मच गई।
इसके अलावा उत्तरकाशी जिले में भूस्खलन के चलते गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पूरे दिन बंद रहे, जिसे देर शाम खोला जा सका। डामटा के निकट जुगड़ गांव में दो मंजिला मकान क्षतिग्रस्त हो गया। बारिश के बाद अलकनंदा, नंदाकिनी और पिंडर नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। पिंडर नदी पर सिमली में चल रहे मोटर पुल का निर्माण कार्य रोक दिया गया है।
ऋषिकेश-बदरीनाथ व ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर कई जगह मलबा आने के कारण आवागमन बाधित होता रहा। कैम्पटीफॉल से करीब चार किमी आगे कांडीखाल के पास सड़क भी धंस गई। वहीं, भिलंगना ब्लॉक में भी घनसाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग बाधित हो गया। जिले के 12 गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है। साथ ही 15 गांवों का सड़क से संपर्क कट गया है।
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