November 24, 2024

यशपाल तोमर की करोड़ो की चल-अचल संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश 

हरिद्वार। जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश(उत्तराखण्ड) गिरोहबन्द और समाज विरोधी क्रिया कलाप अधिनियम 1986 का प्रयोग करते हुये श्री यशपाल तोमर पुत्र महेन्द्र तोमर, निवासी ग्राम बरवाला, थाना-रमाला, जिला-बागपत, उ0प्र0, हाल निवासी डी-01 यूनेस्को अपार्टमेंट, पटपड़गंज दिल्ली व उसके साथियों के विरूद्ध धोखाधड़ी, जान से मारने का प्रयास करने, जान से मारने की धमकी देने, गिरोह बनाकर अपराध करने, धमकी देकर धन वसूली करने, बलवा करना जैसे गंभीर अपराध में लिप्त रहकर अवैध तरीके से जिला हरिद्वार ग्राम चिटेहरा, दादरी जिला गौतमबुद्ध नगर, दिल्ली व लोनी तथा ग्राम बरवाला तहसील बड़ौत जिला बागपत में अपने तथा अपने निकट रिश्तेदारों के नाम करीब रू01532932822 (एक सौ तिरेपन करोड़ उनतीस लाख बतीस हजार आठ सौ बाइस रूपये) की चल-अचल संपत्तियांें को अवैध रूप से अर्जित करने की वजह से अभियुक्त श्री यशपाल तोमर की चल-अचल संपत्तियांें को कुर्क करने के आदेश दिये हैं।

उल्लेखनीय है कि थाना-ज्वालापुर, जिला-हरिद्वार में मु0अ0सं0-106 /22.. उत्तर प्रदेश(उत्तराखण्ड) गिरोहबन्द और समाज विरोधी क्रिया कलाप अधिनियम 1986 बनाम यशपाल तोमर आदि पंजीकृत किया गया। इस मुकद्दमे की विवेचना निरीक्षक श्री प्रदीप कुमार राणा द्वारा सम्पादित की गयी। विवेचक द्वारा प्रस्तुत किए गए अभिलेखों के आधार पर मुख्य अभियुक्त/गैंग लीडर यशपाल तोमर द्वारा स्वयं व उसके निकट रिश्तेदारों के द्वारा अर्जित की गई चल अचल संपत्ति को कुर्क करने के सुसंगत एवं ग्राह्य साक्ष्य संकलित किये गये, जिसके आधार पर वर्णित संपत्तियों को धारा 14 (1) उत्तर प्रदेश (उत्तराखंड) गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप अधिनियम 1986 के अनुसार संज्ञान लेते हुये वाद पंजीकृत किया गया तथा उपयुक्त आख्या एवं आख्या के साथ संलग्न अभिलेखीय साक्ष्य का गहनता से अध्ययन एवं अनुशीलन किया गया। निरीक्षक/विवेचक एसटीएफ क्राईम ब्रांच उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा अपनी आख्या दिनांक 14 मार्च,2022 के क्रम में उल्लेख किया है कि मुख्य अभियुक्त गैंग लीडर यशपाल तोमर द्वारा अपने परिवार के सदस्यों/रिश्तेदारों के प़क्ष में जो रजिस्ट्री/हस्तगत की गई है, वे यसपाल तोमर के द्वारा किये गये अवैध धन से अर्जित की गई है। उक्त किसी भी व्यक्ति की आय का स्रोर्त अिर्जत की गई संपत्ति के अनुपात में नहीं है, जो बहुत कम है तथा बढ़ी हुई आय के स्रोत को दर्शित नहीं करता है। विवेचना के आधार पर वर्णित सभी चल एवं अचल संपत्तियां, वर्णित बैंक खातों को सीबीआई के उपबंधों के अनुसार कुर्क करने के आदेश पारित किये गये हैं।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी द्वारा उत्तर प्रदेश (उत्तराखंड) गिरोह बंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप अधिनियम 1986 की धारा 14(3) के अंतर्गत शक्तियों का उपयोग करते हुए संबंधित तहसीलदार (हरिद्वार जिला हरिद्वार, दादरी गौतमबुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश) जिला बागपत लोनी (चतुर्थ गाजियाबाद जिला गाजियाबाद, प्रीत विहार (न्यू दिल्ली), जिनकी अधिकारिता क्षेत्र में उक्त वर्णित कुर्क संपत्ति अवस्थित है, उन्हें उपरोक्त कुर्क की गई अचल संपत्ति का प्रशासक नियुक्त किया है। प्रशासक को कुर्क की गयी संपत्तियों के सर्वाेत्तम हित में उसका प्रबंध करने की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी।

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