September 8, 2024

उत्तराखंड में हरेला उत्सव पर पेड़ लगाकर लोगों को जागृत किया जाता है: धवन

हरिद्वार।

उत्तराखंड में हरेला उत्सव मनाया जाता है, जिसमें पेड़ लगाए जाते हैं और लोगों को जागृत किया जाता है। मोनिक धवन अतिरिक्त अध्यक्ष मुख्य संगठक महानगर कांग्रेस सेवादल ने अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर कहा कि लोग भी अपने घरों में, आसपास कॉलोनी में, पार्कों में पेड़-पौधे लगाएं, जिससे वहां के नागरिकों को ऑक्सीजन मिल सके और पर्यावरण संतुलन ठीक हो सके। पौधे व प्राणियों की खत्म होती प्रजातियों के बारे में 2 गुना ज्यादा चिंता करना आवश्यक है। प्रकृति को कम नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादकों की खोज पिछले 5 सालों से करीब 71 परसेंट बढ़ चुकी है। विकासशील देशों में नागरिक ज्यादा सचेत होने लगे हैं। इसे इको अवकेनिंग नाम दिया गया है। लोग अपने कार्यों व व्यवहार में बदलाव लाकर इन खतरों और नुकसान को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। दुनिया प्रकृति के लिए उपजे खतरों के प्रति जागरूक हो रही है और उन्हें परिस्थितिक तंत्र इको सिस्टम तबाह होने के परिणाम समझ में आने लगे हैं। लोगों को जागरूकता बढ़ने के बावजूद प्रकृति को लेकर बेहद गंभीर खतरे अभी बरकरार हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि पृथ्वी पर करीब 80 लाख जीव-जंतुओं की प्रजातियां निवास करती हैं। प्रकृति को ना बचाया गया, तो यह लुप्त हो जाएंगे। भाजपा सरकार को हर उत्तराखंडवासी के घर पर और उनके घर के आसपास वृक्षारोपण का प्रोग्राम करना चाहिए। हरेला का प्रोग्राम छोटे स्तर से शुरू करना चाहिए। जैसे हर वार्ड में कितने पेड़ लगे हैं, उनकी गिनती और गांव-गांव में भी हरेला के प्रोग्राम होने चाहिए। सरकार को जिस वार्ड और गांव में जितने पेड़ पौधे लगे मिलेंगे जो ढंग से फल फूल रहे होंगे, उनके लिए इनाम भी निश्चित करना चाहिए। जिससे इसे आगे बढ़ावा मिलेगा। प्रत्येक घर के हिसाब से भी भारत सरकार को लोगों को प्रोत्साहन देना चाहिए और इनाम घोषित करना चाहिए। जो हरेला के अंतर्गत पेड़ पौधे लगाएगा, उसे सरकार इनाम और सर्टिफिकेट प्रदान करेगी। जिससे आम आदमी को फायदा मिलेगा।