
हरिद्वार। गंगा दशहरा के पावन अवसर पर धर्मनगरी हरिद्वार में हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही। आधी रात के बाद से ही यहां पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी।
श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पर रात से ही पुण्य की डुबकी लगानी शुरू कर दी थी। हर-हर गंगे, जय मां गंगे के जयघोष के साथ श्रद्धालु गंगा पूजन स्नान और ध्यान करने के बाद दान पुण्य भी किया। मोक्ष की कामना के साथ लोग हरिद्वार पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं कहना है कि भारतवर्ष से कोरोनावायरस जल्द से जल्द समाप्त हो ऐसी गंगा मैया से मनोकामना की है। मान्यता है कि राजा सगर के पुत्रों के उद्धार करने के लिए राजा भागीरथ हजारों साल तपस्या करके गंगा को स्वर्ग लोक से धरती पर लाए थे। भागीरथ के प्रयास से गंगा शिव की जटाओं से होती हुई जब धरती पर आई तो आज के दिन ही वह ब्रह्मकुंड़ पर पहुंची थी और भगीरथ के पुरखों का उद्धार किय था। इसलिए माना जाता है कि गंगा जब धरती पर अवतरित हुई तब 10 तरह के ग्रहयोग मौजूद थे।

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