पत्रकार डा आर के वर्मा का निधन

देहरादून। देश में जब पहली बार इमरजेंसी लगी तब देहरादून से कुछ ही समाचार पत्र प्रकाशित होते थे और उनमें सबसे अहम किरदार अदा करने वाले डा आर के वर्मा का बीती रात निधन हो गया। उनके निधन से पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में शोक की लहर दौड गयी हैै।

उत्तराखंड के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास, देहरादून के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास ,फिल्मोग्राफी,नेताजी सुभाष चंद्र बोस आजाद हिंद फौज,मैजिक एवं मिस्टी, भूखे बिसरे गीत ,भूले बिसरे चेहरे, राजनीति के चुटकुले आदि प्रमुख पुस्तके डा आर के वर्मा ने लिखी जिन्हे देश दुनिया में सराहा गया। वे दैनिक नवजीवन, फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के जर्नल से भी डा वर्मा काफी समय तक जुड़े रहे। नागरिक परिषद की स्थापना कर डा आर के वर्मा ने उत्तराखंड राज्य में उत्थान एवं जनता की निस्वार्थ सेवा कर रही विभूतियों को दून रत्न एवं उत्तराखंड रत्न से भी नवाजा। दून रत्न प्राप्त करने वालो में सतपाल महाराज,असलम खान,नित्यानंद स्वामी, एयर मार्शल दिलबाग सिंह,एयर वाइस मार्शल एच एल कपूर,सुंदर लाल बहुगुणा, करतार सिंह (शाहिद भगत सिंह के भाई), आर एस टोलिया, डा महेश कुरियाल, पद्मश्री डा आर के जैन, चेशायर होम ,देहरादून, सेवा धाम आदि अनेक विभूतियों का सम्मान किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डा. आर.के. वर्मा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

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