देहरादून।
एलोपैथी और डॉक्टरों के खिलाफ योग गुरु रामदेव के विवादास्पद बयान देने और फिर बयान वापस लेने के बाद भी यह मामला थमा नहीं है। अब IMA उत्तराखंड ने रामदेव पर 1000 करोड़ रुपए का मानहानि का केस कर दिया है।
इस नोटिस में कहा गया है कि रामदेव ने जो बयान दिया है उसके जवाब में अगर वो अगले 15 दिनों में वीडियो जारी नहीं करते और लिखित रूप से माफी नहीं मांगते तो वो उनसे 1000 करोड़ रुपए की डिमांड करेंगे।
जानिए क्या है पूरा मामला?
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में रामदेव यह कहते हुए नजर आ रहे हैं, “एलोपैथी एक ऐसी स्टूपिड और दिवालिया साइंस हैं।” उन्होंने आगे कहा है, “लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवा खाने से हुई है।”
इस विवादास्पद बयान के बाद IMA ने कहा था, “रामदेव का यह बयान भारत के ड्रग कंट्रोलर के बुद्धिमता और इंटिग्रिटी को चुनौती दे रहा है।”
इसके बाद हेल्थ मिनिस्टर हर्ष वर्धन ने 23 मई को रामदेव को एक लेटर लिखा था। इस लेटर में हेल्थ मिनिस्टर ने कहा, “एलोपैथी डॉक्टरों के खिलाफ किए गए आपके बयान से देश आहत है। आपके विवाद से ना सिर्फ डॉक्टर दुखी है बल्कि देश की जनता भी निराश है।”
हेल्थ मिनिस्टर ने इस लेटर में लिखा था कि वह पहले ही फोन पर रामदेव के बयान के खिलाफ अपनी नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने आगे लेटर में लिखा है कि कोरोनावायरस संक्रमण की इस महामारी के दौरान जहां डॉक्टर दिन-रात एक किए हुए हैं वहीं रामदेव के इस बयान से उनमें निराशा हुई है।
हर्ष वर्धन ने यह भी लिखा है, ऐसे समय में जब एलोपेथी डॉक्टर लोगों की जिंदगियां बचा रहे हैं। हेल्थ मिनिस्टर ने कहा, “आपने एलोपैथी के बारे में जो तमाशा, बेकार और दिवालिया जैसे शब्द इस्तेमाल किए हैं वो गलत है।”
उन्होंने कहा, “अगर देश में कोरोनावायरस संक्रमण से डेथ रेट 1.13 फीसदी है और रिकवरी रेट 88 फीसदी है तो यह सिर्फ एलोपैथी डॉक्टरों की वजह है।
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