November 23, 2024

स्टेशनरी की दुकान बंद होने से अभिभावकों एवं छात्रों में खासी बेचैनी

हरिद्वार।

कोरोना महामारी के पूरे देश में लॉक डाउन और कोरोना कर्फ्यू चल रहा है सभी स्कूलों में ऑन लाइन क्लास ली जा रही है। सत्र प्रारम्भ होते ही बच्चों को किताबे एवं कॉपियों की जरूरत होती है।

बताते चले कि जब स्कूलों में सत्र प्रारम्भ हुआ था उसी समय कोरोना कर्फ्यू चल रहा जिसके चलते से स्टेशनरी की दुकानों को बंद रखने के आदेश से अभिभावकों एवं छात्रों में खासी बेचैनी देखने को मिल रही है। ऐसे छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए पढ़ाई का सामान नहीं मिल रहा है। इसके चलते अभिभावक और छात्र दोनों ही परेशान हैं, क्योंकि स्कूल प्रबंधन की ओर से छात्रों को होमवर्क दिया जा रहा है । वही स्टेशनरी विक्रेताओं की परेशानियों पर भी बल पड़े हुए हैं। 1 जून से गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने वाली है, इसके चलते 28 मई को आवश्यकता एवं किराना की दुकानों के साथ स्टेशनरी की दुकानों को भी लगातार खोलने का आदेश जारी होना चाहिए।

लॉकडाउन का सर्वाधिक बुरा असर विद्यार्थियों पर पड़ रहा है। एक और जहाँ नियमित कक्षाओं का संचालन नहीं हो पाने से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वही स्टेशनरी आदि की दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी रहने से कॉपी, स्टेशनरी, किताब सहित अन्य सामग्रियों के लिए भी अभिभावकों को भटकना पड़ रहा है। इसके साथ ही अधिकांश विद्यार्थी कोर्स की किताबें भी नहीं खरीद पा रहे हैं। जबकि स्टेशनरी आदि की दुकानों को भी आवश्यक सेवाओं के तहत नियमों के साथ छूट दिए जाने का प्रावधान जारी होना चाहिए था। निजी शिक्षण संस्थाओं में ऑनलाइन पढ़ाई का कार्य चल रहा है। इसके तहत बच्चों को गर्मी की छुट्टियों का होमवर्क भी दिया जा रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार की ओर से स्टेशनरी की दुकानों को खोलने का आदेश जारी करना चाहिए। ताकि ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्र समय से अपने लिए इंतजाम कर सके। ऐसा नहीं होने पर गर्मी की छुट्टियों में दिए जाने वाले होमवर्क को पूरा करना असंभव होगा।

स्टेशनरी विक्रेताओं की माने तो वर्तमान परिस्थितियों मे स्टेशनरी की दुकानों पर कार्य एक-दो महीने तक ही सीमित रहता है। इंग्लिश स्कूलों आदि में पढ़ने वाले बच्चे कोर्स के साथ स्टेशनरी आदि की खरीदारी करते हैं। अब सरकार की ओर से स्टेशनरी की दुकानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से स्टेशनरी विक्रेताओं की हालत खस्ताहाल हो गई है। क्योकि इसके उपरांत वर्षभर उनका कार्य लगभग शून्य हो जाता है। समय की मांग को देखते हुए सरकार को स्टेशनरी की दुकानों को भी नियमों के अनुसार आवश्यकता की दुकानों के साथ लगातार खोलने का प्रावधान जारी किया जाना चाहिए

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