नयी दिल्ली।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि धूम्रपान करने वालों को गंभीर बीमारियों और कोविड-19 से मौत के 40-45 प्रतिशत अधिक खतरे का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत में हर वर्ष तंबाकू के इस्तेमाल के कारण 13 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि हर्षवर्धन ने ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यह टिप्पणी की और वहां मौजूद सभी लोगों द्वारा तंबाकू से दूर रहने की शपथ ली गई।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के लगातार प्रयासों से तंबाकू के इस्तेमाल की व्यापकता 2009-10 में 34.6 प्रतिशत से घटकर 2016-17 में 28.6 प्रतिशत हो गई है। मंत्री के हवाले से एक बयान में कहा गया है, ‘‘भारत में 13 लाख से अधिक मौतें हर साल तंबाकू के इस्तेमाल के कारण होती हैं, यानी प्रतिदिन 3,500 मौतें होती हैं, जिससे बहुत अधिक सामाजिक-आर्थिक बोझ पड़ता है। इससे होने वाली मौतों और बीमारियों के अलावा, तंबाकू देश के आर्थिक विकास को भी प्रभावित करता है।’’ बयान के अनुसार उन्होंने यह भी बताया कि धूम्रपान करने वालों को गंभीर बीमारियों और कोविड-19 से होने वाली मौत के 40-50 प्रतिशत अधिक खतरे का सामना करना पड़ता है।
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उन्होंने कहा, ‘‘भारत में तंबाकू नियंत्रण कानून ‘सिगरेट अधिनियम, 1975’ से पहले का है, जो विज्ञापन में और कार्टन और सिगरेट पैकेज पर वैधानिक स्वास्थ्य चेतावनियों को प्रदर्शित करना अनिवार्य करता है।’’ उन्होंने सभी सहयोगी संगठनों, मंत्रालय के अधिकारियों, जमीनी कार्यकर्ताओं और विशेष रूप से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को अब तक तंबाकू के उपयोग पर अंकुश लगाने में किये गये प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।
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