देहरादून/हरिद्वार।
बृहस्पतिवार को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ उत्तराखंड ने महानिदेशालय देहरादून जाकर महानिदेशक के पी एस सेमवाल जी को ज्ञापन सौंपा, महानिदेशक महोदया वी सी में व्यस्त होंने कारण ज्ञापन नही ले पायी।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा महामन्त्री सुनील अधिकारी प्रदेश उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा ने कहा कि दो-दो बार महानिदेशक, निदेशक से समझौते होने के बाद भी पदोन्नति की कार्यवाही न होने के कारण प्रदेश के कर्मचारियों में आक्रोश पनपने लगा है। जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है, इसी कारण महानिदेशालय जाकर ज्ञापन दिया गया। जिसमे कर्मचारियों की पदोन्नति लेब सहायक, डार्करूम सहायक, ओ टी सहायक, ड्रेसर के पदों पर पदोन्नति का 50 प्रतिशत का कोटा और लिपिक के पदों पर कई वर्षों से पदोन्नति नही हुई है। जबकि शिक्षा, सिंचाई, कलेक्ट्रेट, विकास, पशुपालन, उद्यान विभाग में पदोन्नति की जा चुकी है। किंतु स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पिछले वर्ष से कोरोना महामारी में अग्रिम पंक्ति में कार्य करने का यह परिणाम है कि आज तक पदोन्नति नही हो पाई है जिससे कर्मचारी निराश हो चुके हैं कई कर्मचारी पदोन्नति की आस में सेवानिवृत्त हो चुके हैं, अगर15 दिवस में कर्मचारियों की मांगो का निस्तारण ना होने की दशा में अगर आंदोलन किया जाता है, इसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व महानिदेशालय का होगा। जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल माननीय मुख्यमंत्री जी से भी अपनी व्यथा और पीड़ा बताने के लिए मिलेगा।
संयुक्त मंत्री रविन्द्र सिंह, प्रवक्ता शिवनारायण सिंह संगठन सचिव दिनेश गुसाईं, सुरेंद्र कश्यप ने कहा कि कर्मचारियों को नर्सिंग संवर्ग की भांति पोष्टिक आहार भत्ता, पुलिस चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भांति एक माह का मानदेय उद्यान विभाग के माली संवर्ग की भांति स्वास्थ्य के कर्मचारियों को टेक्निकल घोषित कर पदोन्नति के रूप में अगला वेतनमान दिया जाना न्यायोचित होगा, जोखिम भत्ता इत्यादि मांगो पर कोई ठोस कार्यवाही न होने से कर्मचारी व्यथित और बेहद दुखी है।
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