November 22, 2024

राजनीतिक पार्टियों व अन्य संगठनों ने जिलाधिकारी को अनुसूचित जाति/जनजाति ने निर्धारित आरक्षण के अन्दर आरक्षण लागू करने के सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपे

हरिद्वार । भीम आर्मी, बसपा, उत्तराखण्ड उनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ी जाति वैचारिक सभा सहित अन्य संगठनों ने जिला कार्यालय पहुॅचकर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल को अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए नौकरियों अेण् शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए निर्धारित आरक्षण के अन्दर आरक्षण लागू करने के सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपे।

ज्ञापन में अवगत कराया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 1 अगस्त को सभी राज्यों को अनुसूचित जाति जनजाति के लिए नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए निर्धारित आरक्षण के अंदर भी आरक्षण लागू किए जाने का सुझाव दिया है उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पांच जजों की संविधान पेट द्वारा एव चिनिया बनाम आंध्र प्रदेश मामले में कोर्ट ने अप वर्गीकरण को समानता के आधार का उल्लंघन माना है कुछ जातियों को एक अनुसूचित जाति में वर्गीकृत करता है जिसे अतीत में स्पार्टा के कारण भेदभाव हुआ इसलिए इस समूह में एक दूसरे से अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता पांच जजों की संविधान पीठ ने कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 341 का भी हवाला दिया था आरक्षण के उद्देश्य से स समुदायों को सूचीबद्ध करने का अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति को है पीठ ने इसी आधार पर व्यवस्था दी थी कि इस सूची में किसी तरह के हस्तक्षेप का बदलाव करने का राज्यों को कोई अधिकार नहीं है पीठ ने फैसला दिया था कि वह अनुचित करने का अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति को है संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत जिस समुदाय को आरक्षण का लाभ मिल सकता है राज्यों को किसी भी तरह से संशोधन का अधिकार नहीं है उन्होंने यह भी कहा है कि 1 अगस्त को जो सुझाव दिए गए थे वह संविधान के अनुच्छेद 141 के विरुद्ध हैं संविधानिक नहीं है क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 16 में जनसंख्या के आधार पर एससी एसटी एवं ओबीसी को प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान है उपवर्गीकरण आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है न्याय संगत होता है माननीय सर्वोच्च न्यायालय केंद्र सरकार को निर्देशित करती है कि वह पहले जातिगत जनगणना कर आंकड़े एकत्रित करें इसी क्रम में उन्होंने कहा है कि इस आईपीसी पीसीएस अधिकारी बन गए हैं जिन्हें केंद्र सरकार लाने की सोच रही है क्या उसके बाद उन परिवारों के साथ सामाजिक भेदभाव नहीं किया जाएगा ।