January 4, 2025

नववर्ष पर परमार्थ निकेतन में आयोजित पांच दिवसीय रिट्रीट का समापन

*✨परमार्थ निकेतन से नववर्ष की शुभकामनायें*

*💥स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में सैकड़ों साधकों के विश्व शान्ति यज्ञ में सहभाग कर विश्व मंगल की प्रार्थना की*

*💥ग्लोबल फैमली डे- वसुधैव कुटुम्बकम्*

*✨नववर्ष पर परमार्थ निकेतन में आयोजित पांच दिवसीय रिट्रीट का समापन*

*🌸विश्व के 15 से अधिक देशों से आये साधकों ने योग, ध्यान, यज्ञ, गंगा आरती, स्नान, सत्संग का लिया आनंद*

ऋषिकेश, 1 जनवरी। परमार्थ निकेतन ने नववर्ष 2025 के अवसर पर गंगाजी के पावन तट पर विश्व शांति और मानवता के कल्याण के लिए सामूहिक प्रार्थना और यज्ञ का आयोजन किया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में सैकड़ों साधकों ने सहभाग किया।

आज ग्लोबल फैमिली डे के अवसर पर स्वामी जी ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का संदेश देते हुये कहा कि आज का दिन एकता और संबंधों की शक्ति का उत्सव है। चाहे हम कहीं भी हों, हमारी असली पहचान हमारे रिश्तों और आपसी संबंधों में है। आज का दिन हमें एक वैश्विक परिवार का अंग होने की याद दिलाता है।

स्वामी जी ने कहा कि हम सभी मानवता के एक बड़े परिवार का हिस्सा हैं और हमें अपनी छोटी-छोटी समस्याओं और मतभेदों को नजरअंदाज कर एकजुट होकर शांति, सहानुभूति और समझदारी के साथ जीवन बिताना होगा। यह एक दिन है जब हम अपने व्यक्तिगत और सामूहिक रिश्तों की शक्ति को महसूस करें और दुनिया भर के लोगों को एक परिवार के रूप में एकजुट होने का आह्वान करते हैं।

जब परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ अच्छे संबंध रखते हैं, तो उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, और समाज भी एक सकारात्मक दिशा में बढ़ता है। हम किसी भी देश, धर्म, जाति या रंग के हों, हमारी मानवता और हमारी सामूहिक जिम्मेदारी हमें एकजुट करती है। वर्तमान समय में जब दुनिया भर में संघर्ष, विभाजन और असहमति का माहौल है, ऐसे में हमें अपनी विविधताओं को स्वीकार करते हुये एक दूसरे का सम्मान करना होगा ताकि चारों ओर शांति और सौहार्द्र को बढ़ावा दिया जा सके।

जब हम यज्ञ में आहुतियां समर्पित करते है तो उसका प्रभाव पूरे वातावरण पर पड़ता है, वैसे ही हमारा जीवन भी होना चाहिए कि केवल मेरे लिए नहीं, परंतु मेरे द्वारा मानवता की सेवा हो। हम अपने जीवन को न केवल अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं और लाभों के लिए, बल्कि समाज और मानवता की सेवा के लिए समर्पित करें, तो हम एक सशक्त और शांति से भरपूर समाज की स्थापना में योगदान दे सकते हैं।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि हमारा जीवन केवल व्यक्तिगत सुख और संतोष के लिए नहीं है। यदि हम अपने जीवन को मानवता की सेवा में समर्पित करें, तो हम न केवल अपने जीवन को मूल्यवान बना सकते हैं, बल्कि हम समाज और पूरी दुनिया में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। जैसे यज्ञ में आहुतियां समर्पित करके हम वातावरण में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं, वैसे ही जब हम अपने जीवन को सेवा और समर्पण का रास्ता अपनाते हुए जीते हैं, तो हम पूरे समाज को शांति, समृद्धि और प्यार की दिशा में अग्रसर कर सकते हैं और यही जीवन का सच्चा उद्देश्य है।

आज का दिन एक नई शुरुआत, एक नई दिशा और एक नई उम्मीद का समय है। हम सब मिलकर न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि हम पूरी दुनिया के कल्याण के लिए भी कार्य कर सकते हैं। हम सब का उद्देश्य केवल एक होना चाहिए कि दुनिया में एकता, शांति और समृद्धि हेतु कार्य करे, यही सच्चा नववर्ष है।

परमार्थ निकेतन में नववर्ष के अवसर पर आयोजित पांच दिवसीय रिट्रीट का समापन हुआ। इस आयोजन में विश्व के 15 से अधिक देशों से आए साधकों ने योग, ध्यान, यज्ञ, गंगा आरती, स्नान और सत्संग का आनंद लिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के दिव्य सान्निन्ध्य में साधकों ने रिट्रीट के माध्यम से शांति, ध्यान और आत्मज्ञान का अनुभव किया।

इस रिट्रीट के माध्यम से साधकों ने शारीरिक और मानसिक संतुलन के साथ आत्मिक यात्रा, आंतरिक शांति और समृद्धि का अनुभव किया।

रिट्रीट में योगाचार्य आभा सरस्वती जी, डा इन्दु शर्मा, योगाचार्य गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, योगाचार्य गायत्री गुप्ता, आयुर्वेदाचार्य करूणा, पूजा मेहता, रोहन आदि अन्य प्रशिक्षकों ने पांच दिनों तक योग, आयुर्वेद और ध्यान की विभिन्न विधाओं की जानकारी दी व अभ्यास कराया।