*सीएम धामी ने मानसून के दौरान किसी भी भूस्खलन की आपात स्थिति के दौरान घटना स्थल पर 15 मिनट के भीतर अनिवार्यतः जेसीबी पहुंचाने के सख्त निर्देश लोक निर्माण विभाग सहित सम्बन्धित अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने तत्परता से राज्य का लैण्डस्लाइड मैप तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बरसात से पहले राज्य के सभी पुलों का सुरक्षा ऑडिट करते हुए सम्बन्धित सचिव को विशेषरूप से हल्द्वानी से कैंचीधाम, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ रुट के पैच वर्क एवं राज्य के सभी पुलों की समीक्षा हेतु तत्काल निरीक्षण दौरा करने के निर्देश दिए हैं।
मानसून सीजन एवं मेडिकल आपातकाल के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने पुरानी एम्बुलेंस वाहनों को तत्परता से बदलने के निर्देश दिए हैं । मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मेडिकल इमजेंसी जैसी स्थिति की दृष्टि से पिथौरागढ़ एक अतिरिक्त हैलीकॉप्टर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने पिथौरागढ़ में हैलीपेड एवं एयपोर्ट निर्माण सम्बन्धित कार्यवाही को तीव्र करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए हैं। सीएम ने मानसून के दौरान जीर्ण शीर्ण विद्यालयों का चिन्हीकरण करते हुए इनमें विद्यार्थियों का पठन-पाठन बन्द करवाते हुए तत्काल प्रभाव से शेल्टर की व्यवस्था करने के निर्देश शिक्षा विभाग एवं जिलाधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अगले तीन दिनों में स्कूल, अस्पतालों, आश्रमों जैसे स्थलों संवेदनशील स्थलों का सुरक्षा की दृष्टि से वेरिफिकेशन करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने जलाश्यों की नियमित मॉनिटरिंग करते हुए नियमित रूप से सिल्ट हटाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार एवं उधमसिंह नगर जेैसे मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति के स्थायी समाधान एवं जल निकासी को लेकर विशेषज्ञ एंजेसी की सहायता से सर्वे करते हुए प्रभावी कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को बन्द सड़को की रियल टाइम जानकारी की नियमित रूप से एप एवं वेबसाइट पर अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को उत्तराखण्ड राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र में सभी जिलाधिकारियों के साथ मानसून सीजन एवं आपदा प्रबन्धन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
राज्य में आपदा के रिस्पॉन्स एवं पूर्व तैयारियों के मामलों में अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि जनजागरूकता हेतु आपदा से सम्बन्धित टॉल फ्री नम्बर, सचेत एप आदि का समुचित प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने सभी विभागों को आपदा के मामलों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेते हुए टीम भावना एवं प्रभावी समन्वय से कार्य करने की नसीहत दी। इसके साथ ही उन्होंने एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के जवानों की मदद हेतु स्थानीय लोगों को भी आपदा राहत एवं बचाव कार्यों में शामिल करने एवं प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी अस्पताल, स्कलों, आश्रम सहित सभी सवेदनशील जगहों पर बिजली के खुले तारों को सुरक्षित कवर करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को तत्परता से मलबा हटवाने की कार्यवाही भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने आपदा के लिहाज से संवेदनशील सभी स्थानों में पर्याप्त मात्रा में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टुकड़ियों तैनात करने के निर्देश दिए। हेलीकॉप्टर सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी हेलीपेडों में सुरक्षा के समुचित प्रबंध करने तथा हेलीपैडो का सेफ्टी ऑडिट करने को कहा। उन्होंने आपदाओं के दृष्टिगत पिथौरागढ़ जनपद में भी एक हेलीकॉप्टर तैनात रखने के निर्देश दिए। उन्होंने पिथौरागढ़ जनपद में एयरपोर्ट के विस्तार के कार्यों तथा प्रक्रिया को तेज करने तथा मेडिकल कॉलेज के कार्य को भी शीघ्रता से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि आपदा के समय पिथौरागढ़ जनपद के दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को समुचित उपचार मिल सके। उन्होंने मानसून के दृष्टिगत गर्भवती महिलाओं का डेटाबेस बनाने और ऐसी महिलाएं जिनकी डिलीवरी अगले चार माह में होनी है उसके लिए अभी से प्रबंध करने के निर्देश दिए।
माननीय मुख्यमंत्री ने नैनीताल जनपद में गोला एप्रोच रोड के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने तथा यदि इस काम के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता है तो शासन से उसकी मांग करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ चौकिया की पर्याप्त मात्रा में स्थापित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जीर्ण शीर्ण स्कूल के भवनों की मरम्मत करने तथा 15 दिन के भीतर जिला शिक्षा अधिकारी से ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा के लिहाज से संवेदनशील ऐसे स्कूल भवन जो खतरे की जद में हैं, उनकी मरम्मत जल्द से जल्द की जाए।
चार धाम यात्रा को लेकर भी मुख्यमंत्री ने संबंधित जिलाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा इस वर्ष अधिक बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है, इसलिए यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और अत्यधिक बारिश या भूस्खलन के चलते यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए और स्थिति सामान्य होने के बाद ही आगे रवाना किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न बांधो तथा जलाशय का भी निरीक्षण करने तथा इनमें जमा सिल्ट को निकालने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना अत्यंत आवश्यक है कि जलाशयों की भंडारण क्षमता कम ना हो। जलाशयों की भंडारण क्षमता कम होगी तो जिस उद्देश्य से जलाशय बनाए गए हैं उसकी पूर्ति नहीं हो पाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को तो रोक नहीं जा सकता लेकिन अच्छी तैयारी और उचित प्रबंधन से उनके जोखिम को काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आपदाओं का बेहतर तरीके से सामना करने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने अनुभवों से सीखे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे आपदा संवेदनशील राज्य में आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए समुदायों की भागीदारी तथा स्वयंसेवकों की एक संगठित तीन तैयार किया जाना नितांत आवश्यक है और सभी जनपद इस दिशा में जल्द से जल्द कार्य करते हुए कार्य योजना बनाएं। मुख्यमंत्री ने सभी रेखीय विभागों से आगामी मानसून के दौरान आपसी समन्वयी और सामंजस स्थापित करते हुए कार्य करने को कहा। साथी उन्होंने भूस्खलन संवेदनशील क्षेत्रों की मैपिंग करने तथा उनका डेटाबेस बनाने के निर्देश दिए ताकि प्रभावी तरीके से उनका ट्रीटमेंट किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कैंची बाईपास निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द सभी जगह से अनापत्ति लेने संबंधी सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए सड़क निर्माण किया जाए। साथी उन्होंने क्वारब में भूस्खलन का जल्द से जल्द ट्रीटमेंट करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सभी हेल्पलाइन तथा टोल फ्री नंबरों का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए ताकि आकस्मिकता तथा आपदा की स्थिति में लोग तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें।
बैठक में माननीय उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन श्री विनय कुमार रुहेला, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगौली एवं अन्य अधिकारी व वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।
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