November 22, 2024

देवबंद दारुल उलूम ने ईद-उल-फितर की नमाज को लेकर जारी किया फतवा

देवबंद(सलमान)।

इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम ने ईद-उल-फितर की नमाज को लेकर फतवा जारी किया है। जिसमें मुफ्तियों ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए इमाम सहित तीन से पांच लोगोें की जमात के साथ नमाज अदा करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा की अगर जमात न हो सके तो इससे परेशान होने की जरुरत नहीं है। क्योंकि इस तरह के हालात में ईद की नमाज माफ है। उसके स्थान पर नमाज-ए-चाशत अदा कर ली जाए तो बेहतर है।
दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने संस्था के इफ्ता विभाग के मुफ्तियों की खंडपीठ से यह फतवा लिया है। जिसमें उन्होंने सवाल किया कि मुल्क में इस समय लॉकडाउन की वजह से जो हालात बने हुए हैं उसमे सरकार ने अहतियात के तौर पर कड़ी पाबंदियां लगाई हुई हैं। इसमें मस्जिदों में भी सिर्फ पांच लोगों को ही नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई है। पूछा की ईद-उल-फितर का त्योहार आने वाला है तो ऐसे में ईद की नमाज अदा करने की शरीयत में क्या हिदायत है। सवाल पर दारुल इफ्ता से जारी फतवे में कहा कि जिन शर्तों के साथ जुमा की नमाज अदा करना जायज है। उन्हीं शर्तों पर ईद की नमाज अदा की जा सकती है। यानि इमाम के साथ तीन या पांच लोग मस्जिदों या दूसरी जगहों पर शरीयत की पाबंदियों के साथ नमाज अदा कर सकते हैं। फतवे में मुफ्तियों ने यह भी कहा की मजबूरी‍ की वजह से नमाज अदा करने की सूरत न बन सके तो ईद की नमाज माफ है। ऐसे सूरत में लोग घरों में नमाज-ए-चाशत अदा कर सकते हैं। गौरतलब है की महामारी के चलते पिछले वर्ष भी ईद-उल-फितर और ईद-उल-जुहा की नमाज ईदगाहों में अदा नहीं हुई थी। जबकि इस बार भी महामारी के रौद्र रुप के चलते शासन की पाबंदियों के चलते ईदगाह में नमाज अदा नहीं की जाएगी।

 

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