नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश में बैटरी स्टोरेज बढ़ाने का फैसला लिया है. इसके लिए सरकार प्रोडक्शन लिंक्स इंसेटिव के रूप में 18 हजार करोड़ देने की घोषणा की है. सरकार का मानना है कि इस उद्योग में करीब 45 हजार करोड़ का निवेश आएगा, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ेगी और देश में डीजल और पेट्रोल की खपत कम होगी.
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में बैटरी स्टोरेज को लेकर अहम फैसला किया गया. फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इस समय में सरकार प्रतिवर्ष करीब 20 हजार करोड़ के बैटरी स्टोरेज का आयात करती है. आयात को कम करने के लिए और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बैटरी स्टोरेज बढ़ाने का फैसला लिया है.
उन्होंने बताया कि बैटरी स्टोरेज बढ़ाने से इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग समेत रेलवे और सोलर के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल होगी. देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ेगी, फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगेंगे और साथ ही सोलर सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा. सोलर सिस्टम अभी केवल दिन के लिए ही उपयोगी है, लेकिन स्टोरेज बढ़ने से वह रात में भी काफी उपयोगी साबित होगा. बैटरी स्टोरेज के बढ़ने से सीधा फायदा पर्यावरण को होगा. जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने 18 हज़ार करोड़ के इन्सेंटिव की योजना को मंजूरी दी है. जिससे 50 हज़ार मेगावाट की सुविधा बढ़ेगी, जबकि देश और विदेश से करीब 45 हज़ार करोड़ का निवेश होगा
इस पहल का मकसद 50,000 मेगावाट प्रति घंटा एसीसी (उन्नत रसायन सेल बैटरी) विनिर्माण क्षमता हासिल करना है. यह प्रोत्साहन उन कंपनियों के लिये उपलब्ध होगा जिनकी उत्पादन और बिक्री क्षमता अधिक है. नीति का मकसद विनिर्माताओं को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाना, निर्यात को बढ़ावा देना, व्यापक स्तर पर उत्पाद के जरिये पैमाने की मितव्ययिता हासिल करना और अत्याधुनिक उत्पाद का विनिर्माण करना है.
More Stories
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष द्वारा महानगर अध्यक्ष को सदस्यता दिलाकर सदस्यता अभियान की शुरुआत की
मुख्यमंत्री धामी ने सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के उप निदेशक रवि बिजारनियां की माताजी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया
फिलीपीन वायुसेना का सी-130 विमान दुर्घटनाग्रस्त 17 की मौत, 40 लोगों को बचा लिया