हरिद्वार/हल्द्वानी।
26 मई को चंद्र ग्रहण लगने वाला है। भारत में यह ग्रहण पूर्वोत्तर भाग के कुछ क्षेत्रों में चंद्रोदय के समय दिखाई देगा। वहीं, देश के अन्य हिस्सों में यह चंद्र ग्रहण नहीं दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण दक्षिण पूर्व एशिया, आस्ट्रेलिया, कनाडा उत्तरी अमेरिका अटलांटिक देशों में दिखाई देगा।
भारत में अधिकांश क्षेत्रों शाम 6.30 बजे के बाद चंद्रोदय होगा। जबकि चंद्र ग्रहण का आरंभ दिन में 3.14 बजे से होगा। चंद्र ग्रहण का मोक्ष सायं 6.23 बजे होगा। भारत में केवल कलकत्ता, अगरतला में यह चंद्रोदय के समय आंशिक रूप से दिखाई देगा। जिन प्रदेशों में चंद्रोदय शाम 7 बजे के बाद होगा वह चंद्र ग्रहण नहीं दिखाई देग। इधर ..25 मई बुद्ध पूर्णिमा का व्रत है। ज्योतिषाचार्य नवीन जोशी के मुताबिक वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र में लगने वाले इस ग्रहण का प्रभाव पृथ्वी पर पड़ेगा। कन्या लग्न में ग्रहण आरंभ होगा और लगभग तुला लग्न के समाप्त तक रहेगा। चंद्र ग्रहण के समय वृष राशि में सूर्य, राहु और शुक्र की युति मिथुन राशि में मंगल बुध की युति के साथ ही मकर यानि स्वगृह शनि और कुंभ में गुरु बृहस्पति की उपस्थिति कोरोना के दुष्प्रभाव को कम करेगा। केवल पूर्वोत्तर और समुद्री क्षेत्रों में रोग और दैवीय आपदा बढ़ सकती हैं, लेकिन भारत के लिए यह रोगनाशक होगा। लोगी का आर्थिक परेशानियां बढेगी। ग्रहण का मेष, वृश्चिक, वृष, मकरस, मीन, सिंह राशियों पर ज्यादा प्रभाव रहेगा। वहीं, यह मिथुन, कर्क, कन्या राशियों के लिए शुभ रहेगा। चंद्र ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होने से ज्यादा दुष्प्रभाव नही रहेगा।
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