हरिद्वार । जीवित रहना है तो प्रति व्यक्ति को कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना होगा क्योंकि जीवन के लिए आवश्यक प्राणवायु (ऑक्सीजन) के उत्पादक केवल वृक्ष ही होते हैं जो घटते जा रहे हैं जिस कारण पर्यावरण असंतुलित हो रहा है। सांस के लिए मानव तरसता जा रहा है और पूरा जीव जगत संकटाग्रस्त चुनौती का सामना कर रहा है। वनों पर संकट जन जीवन का संकट बनता जा रहा है इस लिए धरती हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए हर व्यक्ति की नैतिक, सामाजिक तथा संवैधानिक जिम्मेदारी है। उक्त विचार हरितऋषि विजयपाल बघेल (ग्रीनमैन ऑफ इंडिया) द्वारा नगर वन हरिद्वार में विश्व वानिकी दिवस पर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ऑक्सिजन बनाने के कारखाने केवल वृक्ष होते हैं।
वन विभाग हरिद्वार के सहयोग से ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित विश्व वानिकी दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल ग्रीनमैन बघेल ने आगे कहा कि हरिद्वार सनातन संस्कृति की वैश्विक राजधानी है। यहां पर आध्यात्मिक महत्व रखने वाली वृक्ष प्रजातियों का सघन रोपण जरूरी है, इसी योजना को आगे बढ़ाते हुए रुद्राक्ष वन, नक्षत्र वाटिका तथा कल्पवृक्ष वन विकसित किए जा रहे हैं। विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर “मेरा वृक्ष, मैं ही लगाऊं” योजना का शुभारंभ किया जिसके तहत समारोह में शामिल सभी गणमान्य जनों ने अपने अपने नाम के पौधे लगाए।
प्रमुख समाज सेवी जगदीश लाल पाहवा, कर्नल चौधरी, मयंक गुप्ता, ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया के निदेशक, कार्यक्रम क्रियान्वयन रंजीत सिंह, प्रमोद शर्मा, राकेश अरोड़ा पाहवा, पत्रकार अरुण पाठक, नेहरू युवा केन्द्र से सत्यदेव आर्य, डा महेंद्र कौशिक, धीरज पीटर, राहुल कुमार, दुर्वेश बघेल, संजय कुमार, गजेंद्र सिंह, गौतम राठौर, ठाकुर सतवीर सिंह, कुमारी मनीषा रावत एवं सत्य कुमार आदि उपस्थित रहे। राहुल पाल एवं विनोद मित्तल ने संगोष्ठी का संचालन किया।
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