गुप्तकाशी। आप की रोजगार गारंटी यात्रा केदारनाथ विधानसभा पहुंची। केदारनाथ विधानसभा के गुप्तकाशी पहुंचने पर कर्नल कोठियाल का स्थानीय लोगों और आप कार्यकर्ताओं ने जोरदार और भव्य स्वागत किया। गुप्तकाशी में कर्नल कोठियाल का फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया गया और इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी भी की। इसके बाद कर्नल कोठियाल ने सबसे पहले बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर मत्था टेका और भगवान के दर्शन करते हुए उत्तराखंड नवनिर्माण और सभी संकल्पों को पूरा करना का उनसे आशिर्वाद लिया।
केदारनाथ विधानसभा में गुप्तकाशी से रोजगार गारंटी यात्रा की शुरुवात हुई। कर्नल कोठियाल और केदारनाथ विधानसभा प्रभारी सुंमत तिवारी दोनों ही रैली के दौरान रथ पर सवार हुए और उनके साथ सैकडों आप कार्यकर्ता रैली में मौजूद रहे ।रैली के बाजार से निकलने पर गुप्तकाशी की स्थानीय जनता भी इस दौरान कर्नल कोठियाल को स्वागत करती नजर आई। सारा गुप्तकाशी बाजार तिरंगों और आप के झंडों से पटा हुआ नजर आ रहा था। एक ओर कर्नल कोठियाल और दूसरी ओर जनता का अपार जनसमर्थन यह बताने के लिए काफी था कि जनता अब बदलाव चहती है। जनता कांग्रेस और बीजेपी से तंग आ चुकी है।
कर्नल कोठियाल की इस रथ यात्रा के दौरान स्थानीय युवा,महिलाएं और बुजुर्गों का अपार प्यार मिलता नजर आ रहा था। इस दौरान कई जगह रथ से उतरकर कर्नल कोठियाल ने पदयात्रा भी निकाली और जनसंपर्क भी किया। इस दौरान उन्हें भी जनता का अपार समर्थन मिला। गाजे बाजों के साथ और स्थानीय लोगों का समर्थन मिलना इस बात की तस्दीक कर रहा था कि जनता अब पूरी तरह बदलाव के मूड है और उन्हें कर्नल कोठियाल से ढेरों उम्मीदें भी हैं क्योंकि यहां की जनता ने केदार आपदा में कर्नल कोठियाल का जुनून और लगन देखी है कि कैसे 2013 में आई आपदा के दौरान कर्नल और उनकी टीम ने वो कर दिखाया जो किसी के सोच से बाहर की बात है। सैकडों की संख्या में मौजूद जत्थे के साथ कर्नल कोठियाल का काफिला गुप्तकाशी के मुख्य बाजार पहुंचा जहां उन्होंने वहां मौजूद विशाल रोजगार सभा को संबोधित किया।
वहां मौजूद विशाल रोजगार सभा को संबोधित करते हुए कर्नल कोठियाल ने कहा, आपदा के बाद 1 दिसंबर को केदारघाटी में आने का मौका मिला जब केदारनाथ पुननिर्माण में यहां आया, और आज फिर वही तारीख है जब मैं यहा आया हूं। उन्होंने कहा कि उस दौरान जिस भी घर में हम गए तो कई लोगों के घरों में मातम छाया हुआ था लेकिन यहां के लोग बडे ही धन्य हैं जिन्होंने उस दौरान भी हमारे साथ नया रास्ता ढूंढने के लिए अपने ही गांव के कुछ युवाओ को भेजा और उन्ही लोगों ने हमे केदार बाबा के दर्शन कराए। उस समय का मंजर भयावाह था उस समय मैं ने केदारनाथ को करीब से जाना। उन्होंने कहा कि वहां तीन साल काम करने के बाद बाबा केदार का आशिर्वाद मुझे मिला और मैंने सीखा कि उत्तराखंड के लडके ,लडकियां,महिलाएं ,बुजुर्ग,एक्स सर्विस मैन का साथ मिले तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड मे हर काम मुमकिन है। केदार आपदा सरकार ने कहा था कि 5 साल यात्रा रोक दो लेकिन हमने कडी मेहनत करते हुए पुननिर्माण कार्य किए। और तब हमें यह बात समझ में आई कि ऐसा कोई काम नहीं जो नामुमकिन हो और फिर हमने अपने कदम आगे बडाते हुए अपना पहला कैंप यूथ फाउंडेशन का गुप्काशी में कैंप खोला। यहीं से मुझे दुनिया की सबसे बडी यात्रा नंदा देवी राजजात में भाग लेते हुए काम का सौभाग्य मिला। उन्होंने कहा कि यहां आकर मुझे तीर्थ पुरोहितों के साथ पंडा समाज के लोगों के साथ मिलने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि आज बहुत बडे संघर्ष के बाद तीर्थ पुरोहितों की जीत हुई है। उनके संघर्ष के आगे राज्य सरकार को झुकते हुए देवस्थानम बोर्ड भंग करना पडा। उन्होंने कहा कि सरकार कितने भी आपराधिक फैसले ले ले लेकिन लोकतंत्र की आवाज को कोई नहीं दबा सकता। और देवस्थानम बोर्ड उसका उदाहरण है।
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