गोरखपुर। उत्तर प्रदेश ) के गोरखपुर जिले की शहर सीट से सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद के ताल ठोकने से चुनाव इंट्रेस्टिंग हो गया है।
आए दिन नए-नए मुद्दों से योगी सरकार को चन्द्रशेखर घेर रहे हैं। इस बार चन्द्रशेखर ने गोरखपुर एसएसपी डॉ. विपिन ताडा सहित यहां के कई अन्य पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ मोर्चा खोला है। चंद्रशेखर आजाद ने इन पुलिस अधिकारियों को हटाने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। उन्होंने गोरखपुर में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए इन अधिकारियों को यहां से हटाना जरूरी बताया है। आरोप लगाया है कि गोरखपुर जिले के अंदर वर्तमान मुख्यमंत्री अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर अनैतिक रुप से पुलिसिया दमन के माध्यम से आम जनता को डराते- धमकाते रहे हैं। गोरखपुर की आम जनता पुलिस प्रशासन से भयभीत है।
चुनाव आयोग को लिखे गए पत्र में भीम आर्मी चीफ ने कहा है कि डॉ. विपिन ताडा की नियुक्ति मुख्यमंत्री द्वारा ही की गई है, क्योंकि वे स्वयं यहां से विधानसभा प्रत्याशी हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री द्वारा विशेष तौर पर नियुक्त एसएसपी योगी आदित्यनाथ के पक्ष में ही निर्णय लेंगे। आरोप लगाया है कि वे मुख्यमंत्री के चहेते अफसरों में से एक हैं। कुछ समय पूर्व मनीष गुप्ता हत्याकांड में भी उनकी कार्यशैली संदिग्ध रही है। मृतक की पत्नी को केस न दर्ज कराने हिदायत देते हुए सोशल मीडिया पर उनका वीडियो भी वायरल हुआ था। ताकि योगी सरकार की किरकिरी न हो।
भाजपा के सांसद के दामाद हैं एसएसपी
इतना ही नहीं, चंद्रशेखर आजाद ने आगे चुनाव आयोग से कहा है कि एसएसपी डॉ. विपिन ताडा भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह मलिक के दामाद हैं और इनका बीजेपी के प्रति निजी लगाव भी है। इनका चुनाव के दौरान गोरखपुर जैसे संवेदनशील जिले में नियुक्त अन्य प्रत्याशियों के प्रति इमानदारी से कार्य करना संदिग्धता को दर्शाता है। क्योंकि यह मुख्यमंत्री के प्रति भावनात्मक लगाव रखते हैं। इसलिए उनके चहेते अफसर हैं। आरोप है कि यह किसी भी हद तक पुलिस प्रशासन का दुरुपयोग कर मुख्यमंत्री की जीत सुनिश्चित कराने की कोशिश करेंगे।
इसके साथ ही चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि बीजेपी व मुख्यमंत्री को लाभ पहुंचाने के लिए उनकी ही जाति विशेष के पुलिस अधिकारियों को उनकी विधानसभा में नियुक्त किया गया है। आरोप लगाया है कि सीओ गोरखनाथ रत्नेश सिंह और इंस्पेक्टर गोरखनाथ मनोज सिंह बीजेपी एजेंट के रुप में काम कर रहे हैं। चंद्रशेखर आजाद ने आयोग से सिफारिश की है कि इन अधिकारियों की कार्यशैली संदिग्ध और एक पार्टी विशेष को फायदा पहुंचाने की है। ऐसे में उन्होंने निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए जनता के निष्पक्ष लोकतांत्रिक अधिकार सुनिश्चित कराने के लिए ऐसे अधिकारियों को यहां से हटाया जाए और इनकी जगह निष्पक्ष और ईमानदार अधिकारियों को नियुक्त किया जाए।
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