September 8, 2024

डेफिनेशन टेलीस्कोप में सूर्य दर्शन के लिए छात्रों और शिक्षकों की भीड़ उमड़ी

हरिद्वार। विज्ञान सर्वत्र पूज्यते कायर्क्रम में आज एरीज, नैनीताल के द्वारा गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय में लगायी गयी हाई डेफिनेशन टेलीस्कोप में सूर्य दर्शन को देखने के लिए छात्रों और शिक्षकों की भीड़ उमड़ी। एरीज, नैनीताल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद यादव ने छात्रों को सौरमंडल की जानकारी प्रदान की। डॉ. यादव ने सूर्यग्रहण के बारे में छात्रों को विस्तार से समझाया। उन्होंने छात्रों की सूर्य को लेकर जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। डॉ. यादव ने भारत की अन्तरिक्ष यात्रा और खगोल विज्ञान की दृष्टि से सूर्यग्रहण के बारें में छात्रों को विस्तार से जानकारी प्रदान की तथा रवीद्र यादव उनका सहयोग किया।

विज्ञान सर्वत्र पूज्यते कार्यक्रम में टेलीस्कोप के माध्मम सूर्यदर्शन करने के लिए छात्रों और शिक्षकों में विशेष उत्साह देखा गया। छात्रों ने टेलीस्कोप के माध्यम सूर्य की हाईडेफिनेश इमेज को मोबाइल फोन भी कैद किया। छात्रों ने बताया कि टेलीस्कोप के माध्यम से सूर्य को इस तरह से देखना उनके लिए पहला और रोमांचकारी अनुभव रहा। कार्यक्रम में आज एम्स, नई दिल्ली की वैज्ञानिक प्रो. रमा जयासुंदर ने विशेष व्याख्यान में कहा कि मन्त्रों शक्ति और ऊर्जा के संवाहक होते हैं। मन्त्रों का सही उच्चारण हमारे मन और देह पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। प्रो. रमा जया सुंदर ने मन्त्र विज्ञान पर केन्द्रित अपने विशेष व्याख्यान में मन्त्रों के उच्चारण में वर्ण और स्वर के महत्व की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि मन्त्रों का अपना एक स्वतंत्र ध्वनि विज्ञान है। यह भारत की समृद्ध वैज्ञानिक चेतना और परम्परा के इतिहास को बताता हैं। प्रो. रमा जयासुंदर पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से गायत्री एवं महामृत्युंजय मन्त्र के सही उच्चारण के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान की।

कार्यक्रम का एक सत्र विज्ञान और नवाचार पर केन्द्रित रहा। इस सत्र में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के नवाचार अधिकारी डॉ. अभिषेक रंजन ने भारत सरकार की विज्ञान जगत से सम्बंधित विभिन्न नवाचार की योजनाओं के बारें विस्तृत जानकरी दी।

कार्यक्रम के अन्तर्गत आज उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील जोशी ने एक विशेष संवाद श्रृंखला में कोविड-19 के उत्तर प्रभावों की चर्चा की।

कार्यक्रम में एरीज, नैनीताल के वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह ने हिमालय इकोलॉजी में वायु प्रदूषण के प्रभाव और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न हुए आसन्न संकट पर अपना विशेष व्याखान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि हिमालय का संरक्षण हम सब की जिम्मेदारी है प्रकृति में मानव का अनियोजित दोहन विनाशकारी साबित होता है। प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए हमें वैज्ञानिक समझ विकसित करनी ही होगी। इस अवसर पर प्रो. ईश्वर भारद्वाज, प्रो. महावीर अग्रवाल, डॉ, विनय सेठी, डॉ. हिमाशुं पंडित आदि ने अपने अनुभव साझा किए।