November 22, 2024

ड्यूटी करते एक दिव्यांग शिक्षक की संक्रमण की जद में आने से मौत

कोरोना रोकथाम की ड्यूटी करते एक दिव्यांग शिक्षक की संक्रमण की जद में आने से मौत हो गई। उसके ड्यूटी न लगाने के आग्रह को अधिकारियों ने न सिर्फ दरकिनार किया बल्कि ड्यूटी लगाते वक्त जारी अनुशासनात्मक कार्यवाही का डर दिखाकर काम करने के लिए विवश भी किया जाता रहा। प्रशासनिक सख्ती कहें या अधिकारियों की अदूरदर्शी असंवेदन शीलता, कारण जो भी हो पर एक दिव्यांग शिक्षक की महामारी में ड्यूटी लगाने का आदेश/निर्देश सवालों के घेरे में है।

कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के तानाखार स्थित शासकीय हाईस्कूल मेें पदस्थ सहायक शिक्षक सधवा कुमार बंजारे 60 प्रतिशत दिव्यांग थे, इनकी ड्यूटी प्राचार्य के द्वारा आदेश जारी कर लगाई गई थी। पोड़ी-उपरोड़ा के एसडीएम द्वारा 30 अप्रैल को जारी आदेश के परिपालन में तानाखार पंचायत दल क्रमांक 1 में सधवा कुमार की ड्यूटी लगी थी। विकासखंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा प्राचार्य के आदेश का अनुमोदन किया गया। दिव्यांग सधवा कुमार की कोरोना सर्वे में ड्यूटी न लगाने को लेकर अपनी बात भी रखी गई जिसे अनसुना कर दिया गया। फलस्वरूप सर्वे करते-करते संक्रमण की चपेट में दिव्यांग शिक्षक आ गया और ईलाज के दौरान मौत हो गई। पत्नी व 3 मासूम बच्चों के सिर से घर के मुखिया का साया छिन गया वहीं इस पूरे मामले को लेकर शिक्षकों में व्यवस्था के प्रति नाराजगी व्याप्त है।

बता दें कि इससे पहले शिक्षक एवं अधिकारी, कर्मचारी संघों के द्वारा दिव्यांग, बीमार और गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों व कर्मचारियों की ड्यूटी कोरोना सर्वे आदि में नहीं लगाने की मांग संबंधी पत्र सांसद, कोरबा विधायक व राजस्व मंत्री, कलेक्टर को प्रेषित किया गया लेकिन इस मामले में किसी भी तरह की सुनवाई नहीं हुई है। प्राचार्य के द्वारा यह जानते हुए कि सहायक शिक्षक सधवा कुमार 60 प्रतिशत दिव्यांग है, फिर भी उसे सर्वे के लिए लगाया गया।

 

 

उसके सहकर्मियों के मुताबिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार पत्र लिखकर आग्रह किया था कि मैं शारीरिक रूप से निशक्त हूं कृपया मेरी जगह किसी अन्य शिक्षक की ड्यूटी लगा दिया जाए लेकिन अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण अब उनकी मौत हुई है।