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एक बार इधर भी देखो

कवियत्री में कविता कहती है कि चुनाव खत्म हो चुका है। अब मानवता की पुकार सुनों। देश में लोग तड़प रहे हैं उन्हें बचाने की कोशिश करो। किसी को मिले नहीं भोजन जिसे मिले उसके नखरे अपार   कराह उठी देख तस्वीर मैं कोई सुद्धबुद्ध लो अब सरकार   खेलवा […]

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