देहरादून।
कोरोना से संक्रमित मशहूर पर्यावरणविद व टिहरी बांध के विरोध में अनशन करने वाले सुंदरलाल बहुगुणा का निधन हो गया है। बहुगुणा ने एम्स ऋषिकेश में आखिरी सांस ली। वो कोरोना से संक्रमित हुए थे। उन्हें 8 मई को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। एम्स के कोविड आईसीयू वार्ड में भर्ती पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा के फेफड़ों में 12 मई को संक्रमण पाया गया था। एनआरबीएम मास्क के माध्यम से उन्हें 8 लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। संस्थान के चिकित्सकों की टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी व उपचार में जुटी हुई थी। बीते मंगलवार को कॉर्डियोलॉजी विभाग के चिकित्सकों की टीम ने पर्यावरणविद् सुंदरलाल लाल बहुगुणा की हृदय संबंधी विभिन्न जांचें की थीं। इसके अलावा उनके दांए पैर में सूजन आने की शिकायत पर उनकी डीवीटी स्क्रीनिंग भी की गई थी। कोविड उपचार हेतु एम्स ऋषिकेश में भर्ती पर्यावरणविद सुन्दरलाल बहुगुणा की स्थिति गुरुवार को स्थिर बनी हुई थी। उनका ऑक्सीजन सैचुरेशन 86 प्रतिशत पर था। बहुगुणा के ऑक्सीजन लेवल में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी। वह डायबिटीज के पेशेंट थे। उन्हें कोविड निमोनिया भी हो गया था। विभिन्न रोगों से ग्रसित होने के कारण वह पिछले कई वर्षों से दवाईयों का सेवन कर रहे थे। 94 वर्षीय बहुगुणा को कोरोना होने के बाद उन्हें 8 मई को एम्स में भर्ती किया गया था। बृहस्पतिवार को उनके स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया था कि वो सिपेप पर हैं। उनका ऑक्सीजन लेवल 86 प्रतिशत पर है। उनका उपचार कर रही विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने इलेक्ट्रोलाइट्स और लीवर फंक्शन टेस्ट सहित उनके रक्त में अनियंत्रित स्तर के ब्लड शुगर की जांच और निगरानी की सलाह दी थी।
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