November 22, 2024

श्री स्वामी नारायण आश्रम समरसता और समन्वय का केंद्र: श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

हरिद्वार। श्री स्वामी नारायण मंदिर आश्रम भूपतवाला के 19वां पाटोत्सव के अंतर्गत संत सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने श्री स्वामी नारायण आश्रम भूपतवाला के परमाध्यक्ष श्री स्वामी हरिबल्लभ दास शास्त्री महाराज के प्रति मंगलकामनाएं प्रकट करते हुए कहा कि श्री स्वामी नारायण संप्रदाय सनातन हिंदू धर्म और संस्कृति को संरक्षित करते हुए देश विदेश में प्रचारित और प्रसारित कर रहा है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार स्थित श्री स्वामी नारायण आश्रम भूपतवाला समरसता और समन्वय का केंद्र है जहां पर आकर ना केवल गुजरात से अपितु देश के विभिन्न भागों से हिंदू तीर्थयात्री धार्मिक अनुष्ठान आयोजित करते हैं बल्कि यहां पर देश के विभिन्न भागांे से आकर तीर्थयात्री पुण्य कमाते हैं।

संत सम्मेलन के मध्य भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने संतजनों से आशीर्वाद लेते हुए कहा कि श्री स्वामी नारायण आश्रम भूपतवाला और उसके संस्थापक स्वामी हरिबल्लभ शास्त्री महाराज संत समाज को एकता के सूत्र में बांधने का काम करते हैं तथा संत समाज के लोकप्रिय संत हैं। संत सम्मेलन की अध्यक्षता श्री स्वामी नारायण संप्रदाय के प्रतिष्ठित संत गढ़पुर गुजरात के कोठारी महंत लक्ष्मीनारायण दास महाराज की कथा संत सम्मेलन का संचालन महंत रवि देव शास्त्री ने किया। अखिल भारतीय राष्ट्रीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेन्द्र दास, भारत माता मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि ने स्वामी नारायण आश्रम के संस्थापक श्री स्वामी हरिबल्लभ दास शास्त्री महाराज के प्रति मंगल कामनाएं प्रकट करते हुए आश्रम के पाटोत्सव पर उन्हें बधाई दी।

सम्मेलन में आए हुए संतजनों का आभार प्रकट करते हुए श्री स्वामी हरिबल्लभ दास शास्त्री महाराज ने कहा कि श्री स्वामीनारायण संप्रदाय हिंदू समाज को एकता के सूत्र में पिरोना कार्य कर रहा है साथ ही सनातन हिंदू धर्म की मान्यताओं और परंपराओं, गुरु शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। इससे पूर्व आश्रम के मुख्य द्वार एवं भोजनालय का शिलान्यास जूना अखाड़ा के पूर्व सचिव स्वामी देवानंद सरस्वती, स्वामी माधव दास पुणे, नासिक के स्वामी जीवन दास, स्वामी चरण दास, स्वामी हरिप्रकाश महाराज ने किया।