November 22, 2024

कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस का गंभीर रूप, इससे बचने के लिए देखिए सावधानियां

भोपाल।

कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस गंभीर रूप धारण कर रहा है। डॉक्टर राम गोपाल सोनी के अनुसार कुछ सावधान रखने रखकर इस महामारी से बचाव संभव है, उनका कहना है कि निम्न सावधानी बरतें….

अपने किचन के फ्रिज के दरवाजे खोलिए उसमें एक रबर लगी मिलेगी। उस रबर पर अगर काला काला फंगस दिख रहा हो तो तत्काल उसकी अच्छे ढंग से सफाई कर दें, और बराबर उसकी सफाई पर ध्यान दें।

उस रबर पे वो जो काला काला है, वही है म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस।

अगर आपने ध्यान न दिया तो ये फंगस आपके फ्रिज के अंदर रखे खाद्य पदार्थों के माध्यम से बेहद आसानी से आपके अंदर प्रवेश कर जाएगा

-आटा गूंथ कर ना रखें,

-प्याज काटकर ना रखें,

-पुरानी खोली हुई या रखी हुई ब्रेड यूज न करें, सब कुछ ताजा और तुंरन्त इस्तेमाल करें

और जिस भी खाद्य पदार्थ पर आपको काला काला फंगस टाइप का कुछ दिखे उसको तुरन्त साफ करके खत्म कर दें

अपने कूलर, एसी और आरओ मशीन की टोटी भी चेक करते रहे।

ब्लैक फंगस से बचाव के तरीके.

1.लोग मास्क को कई दिन तक धोते नहीं है उल्टा सैनिटाइजर से साफ करके काम चलाते है। ऐसा न करें। कपड़े के मास्क बाहर से आने पर तुरंत मास्क साबुन से धोएं, धूप में सुखाएं और प्रेस करें। सर्जिकल मास्क एक दिन से ज्यादा इस्तेमाल न करें।

N95 मास्क को मेंहगा होने की वजह से लंबे समय तक उपयोग करना पड़े तो साबुन के पानी में इस्तेमाल करने के बाद कई बार डुबोकर धो लें, रगड़े नहीं। विकल्प अगर संभव हो तो नया इस्तेमाल करें।

2. अधिकांश सब्जियां खासकर प्याज़ छीलते समय दिखने वाली काली फंगस हाथों से होकर आंखों या मुंह मे चली जाती है । बचाव करें। साफ पानी, फिटकरी के पानी या सिरके से धोएं फिर इस्तेमाल करें।

3 जब तक बहुत आवश्यक न हो, ऑक्सीजन लेवल सामान्य है तो अन्य दवाओं के साथ स्टेरॉयड न लें। विशेष तौर पर यह शुगर वाले मरीजों के लिए अधिक खतरनाक है।

4. कोरोना मरीज को अगर ऑक्सीजन लगी है तो नया मास्क और वह भी रोज साफ करके इस्तेमाल करें। साथ ही ऑक्सीजन सिलिंडर या concentrator में स्टेराइल वाटर/saline डालें और रोज बदलें।

5. बारिश के मौसम में मरीज को या घर पर ठीक होकर आ जाएं तब भी किसी भी नम जगह बिस्तर या नम कमरे में नहीं रहना है। अस्पताल की तरह रोज बिस्तर की चादर और तकिए के कवर बदलना है। और बाथरूम को नियमित साफ रखना है।

रूमाल गमछा तौलिया रोज धोना है।

इन सब बातों का ध्यान रखें तभी घातक बीमारी से बचाव संभव है क्योंकि इसका इलाज अभी बहुत दुर्लभ और महंगा है इसलिए सावधानी ही बचाव और इलाज है।