चंपावत। कुमाँऊ क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं को मूर्त रुप देने तथा मुख्यमंत्री घोषणाओं की प्रगति का जायजा लेने सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर द्वारा कुमाँऊ मण्डल का भ्रमण किया जा रहा है। भ्रमण कार्यक्रम के प्रथम दिन उन्होने जनपद चंपावत में पूर्णागिरी रोपवे की प्रगति का जायजा लिया और स्थानीय जनता को रोजगार से जोड़ने के लिए रिवर राफ्टिंग गतिविधियों के विकास के सम्बंध में अधिकारियों को निर्देश दिये। इस दौरान उन्होने नन्धौर वन्यजीव अभयारण्य, हनुमानचट्टी, भैरव मंदिर, टनकपुर साहसिक खेल केन्द्र तथा विवेकानंद आश्रम, श्यामलाताल का भ्रमण एवं निरीक्षण किया और अधिकारियों को विकास कार्यों हेतु प्रस्ताव प्राथमिकता के आधार पर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
सचिव पर्यटन ने कहा कि पर्यटन विभाग का उद्देश्य इस क्षेत्र में रिवर राफ्टिंग गतिविधियों का विकास सुनिश्चित करते हुये स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है। जनपद से सम्बंधित सभी मुख्यमंत्री घोषणाओं को शीघ्र पूर्ण करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये है। इन घोषणाओं के क्रियान्वयन से रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। पूर्णागिरी रोपवे का कार्य पूरा हो जाने के बाद जहां एक ओर श्रद्धालुओं का अनुभव और भी रोमांचक हो जाएगा वहीं दूसरी ओर इससे यात्रा और भी सुगम हो जाएगी।
हनुमानचट्टी में सचिव पर्यटन द्वारा रोपवे के लोवर टिर्मिनल का स्थलीय निरीक्षण किया गया और अभियंताओं को निर्देश दिये गये कि आई0आई0टी0 की टीम के माध्यम से जियोटेक्नीकल सर्वे कराने के उपरान्त ही आगे का कार्य प्रारम्भ किया जाये। कुमाँऊ मण्डल विकास निगम तथा पर्यटन विभाग के अधिकारियों को पर्यटक आवास गृह टनकपुर के उच्चीकरण हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। साथ ही टनकपुर में मल्टीलेवल पार्किंग निर्माण हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देश दिये।
नन्धौर वन्यजीव अभयारण्य को ईको-टूरिज्म साईट के रूप में विकसित करने के सम्बंध में जिला पर्यटन विकास अधिकारी तथा वन विभाग के अधिकारियों को प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। बूम क्षेत्र में उन्होने राफ्टिंग व्यवसायियों से राफ्टिंग सुविधाओं के विकास के सम्बंध में चर्चा की और सम्बंधित अधिकारियों को सुविधाओं के विकास हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। राफ्टिंग साईट के लिए स्मार्ट सोल्यूशन तैयार करने हेतु जलक्रीडा विशेषज्ञ को निर्देश दिये गये ताकि राफ्टिंग गतिविधियों को अधिक सुरक्षित एवं सुगम बनाया जा सकें। टनकपुर स्थित साहसिक खेल केन्द्र के निरीक्षण के दौरान उन्होने जलक्रीडा विशेषज्ञ को निर्देशित किया कि सभी साहसिक उपकरणों का ऑडिट किया जाये। साथ ही उन्होने निर्देश दिये कि साहसिक खेल केन्द्र को उप जिलाधिकारी के निर्देशन में अथवा पी0पी0पी0 मोड में संचालित किया जाये,जिससे कि स्थानीय जनता तथा व्यवसायियों को इसका अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। भ्रमण के दौरान जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविन्द गौड, उप जिलाधिकारी हिमाँशु कफल्टिया, पूर्णागिरी रोपवे अभियन्ता ओमकार पाण्डे, वन विभाग के अधिकारी तथा यू0टी0डी0बी0 के जलक्रीडा विशेषज्ञ आदि उपस्थित रहे।
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