हरिद्वार।
आज की युवा पीढ़ी में शराब, चरस, गांजा और स्मैक का एक अलग ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है कहीं लोग इसे शौक तो कहीं लोग इसे जिंदगी में तकलीफ भुलाने के लिए करते हैं। वजह जो भी हो परंतु यह इंसान के शरीर को खोखला और एक अपराधी बना देता है।
ललित मिगलानी जो हाईकोर्ट के अधिवक्ता एवं भारतीय जागरूकता समिति के अध्यक्ष है उन्होंने युवाओं को सचेत करते हुए बताया इस वक्त अधिकतर युवा छोटे से लालच में नशे की तरफ बढ़ रहे हैं जो उन्हें हर प्रकार से नुकसान कर रहा है वही नशे के कारोबारी युवाओं को एक बार लत लगवा कर उनकी कमजोरी का फायदा उठा रहे हैं। नशा में शरीर के साथ-साथ धन हानि भी होती है जिसके कारण कहीं परिवार आर्थिक रूप से परेशान भी होने लगते हैं जिससे उनका परिवार एवं शरीर दोनों ही बर्बाद हो जाते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कहीं युवक पैसों की तंगी होने से नशे के कारोबार में घुस जाते हैं जिससे वह एक अपराधी बन जाते हैं जिसकी सजा कानून में अधिकतम 10 साल है। मिगलानी ने अंत में कहा कि समाज के हर वर्ग को अपने बच्चों को शिक्षित करना होगा और जगह-जगह जाकर लोगों से और युवाओं से यह अपील करनी होगी कि इस जहर को अपनी जिंदगी में ना लें जिससे वह सुखी और स्वस्थ जीवन जी सकें।
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