इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 की पुलिस व पीएसी कांस्टेबल भर्ती 2015 में रिक्त रह गए तीन हजार विज्ञापित पदों को कैरी फारवर्ड न कर मेरिट कम करके चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने की मांग में दाखिल याचिकाएं खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा कि नियम नहीं है तो चयनित होने मात्र से किसी को नियुक्ति का अधिकार नहीं मिल जाता। साथ ही सरकार सभी विज्ञापित पदों को भरने के लिए बाध्य नहीं है। हाईकोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय बाध्यकारी हैं इसलिए इस मामले में कोई राहत नहीं दी जा सकती।
यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने अजय प्रकाश मिश्र व 216 अन्य सहित कई अभ्यर्थियों की याचिकाओं को खारिज करते हुए दिया है। याचिकाओं में कहा गया था कि सभी याची चयनित हैं। कट ऑफ मेरिट 191.6 अंक से अधिक अंक प्राप्त कर सफल हुए। पुलिस भर्ती बोर्ड ने 28916 सिविल पुलिस व पीएसी कांस्टेबल भर्ती में सामान्य 403.6, ओबीसी 394.73 व एससी/एसटी 380.3 अंक कट ऑफ मेरिट पर दस्तावेज सत्यापन व शारीरिक परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया। पुलिस भर्ती नियमावली के अनुसार खाली पदों को उसी भर्ती के तहत भरा जाएगा। कुछ अभ्यर्थियों को फर्जी मार्कशीट के कारण अस्वीकार कर दिया गया। कुछ मेडिकल जांच में फेल हो गए। इस कारण सिविल पुलिस व पीएसी कांस्टेबल के तीन हजार पद भरे नहीं जा सके। पड़ खाली पड़े हैं। जिन्हें मेरिट नीचे कर सफल अभ्यर्थियों से भरा जाना चाहिए।
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